10 JUNE EVENING NEWS IN HINDI

10 JUNE

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गहलोत का साथ देने से विश्वेंद्र पर बेटा हमलावर:गहलोत के पक्ष में विश्वेंद्र सिंह के बयान के बाद बेटे अनिरुद्ध सिंह का ट्वीट- 'विश्वासघात'...आज यह नया शब्द सीखा

जयपुर

राजस्थान में सचिन पायलट के कट्टर समर्थक रहे विश्वेंद्र सिंह के पाला बदलकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे में जाने की चर्चाओं से सियासत गरमा गई है। विश्वेंद्र सिंह के कल के बयान को उनके खेमा बदलने से जोड़कर देखा गया है। विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह ने इस बार नाम लिए बिना पिता पर निशाना साधा है। अनिरुद्ध ने देर रात ट्वीट किया- विश्वासघात, आज यह नया शब्द सीखा। नाम भले न लिया हो, लेकिन माना जा रहा है कि इशारा पिता की ही तरफ है।

यह भी कहा जा रहा है कि आने वाले वक्त में पूर्व राजपरिवार के मतभेद इस मुद्दे पर और गहरा सकते हैं। भरतपुर की सियासत पर इस पूरे घटनाक्रम का असर होना तय है।

विश्वेंद्र सिंह ने कल कहा था मैं अशोक गहलोत के साथ हूं, क्योंकि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री बनाया है। मैं सचिन पायलट के भी साथ हूंं। मैं गहलोत और पायलट दोनों के बीच सेतु का काम कर रहा हूं ताकि कांग्रेस बच सके। आज ही मैंने सचिन पायलट से बात की है, कल भी मैं उनसे मिलने जाऊंगा। मैं दोनों से ही मिलता रहता हूं।

खेमा बदलने की वजह से ही पूर्व राजपरिवार में झगड़ा
पिछले दिनों अनिरुद्ध सिंह ने पिता विश्वेंद्र सिंह के खिलाफ ट्विटर पर मोर्चा खोल दिया था, उन पर प्रॉपर्टी बेचने, हिंसक बर्ताव करने, दोस्तों का कारोबार बर्बाद करने सहित कई आरोप लगाए थे। बताया जाता है कि झगड़े की असली जड़ विश्वेंद्र सिंह का गहलोत खेमे में जाना ही था। विश्वेंद्र सिंह की पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह विश्वेंद्र सिंह के पायलट खेमा छोड़कर गहलोत खेमे में जाने के खिलाफ हैं। इसी बात को लेकर पारिवारिक मतभेद खुलकर सामने आए थे।

अनिरुद्ध सिंह ने सौम्या गुर्जर का पक्ष लिया
अनिरुद्ध सिंह ने जयपुर ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर को सस्पेंड करने पर भी सवाल उठाते हुए लिखा, ‘मुझे लगता है वह गुर्जर हैं इसलिए उन्हें निशाना बनाया गया। दरअसल, विश्वेंद्र सिंह की पत्नी दिव्या सिंह गुर्जर हैं, यह फैक्टर उनकी राजनीतिक ताकत को बढ़ाता रहा है।’

अनिरुद्ध का विश्वेंद्र सिंह की बदलती निष्ठाओं पर तंज
विश्वेंद्र सिंह के बयान के बाद अनिरुद्ध सिंह ने उन पर तंज कसा, ‘राजेश पायलट जी से भैरोसिंह जी, वहां से वसुंधरा जी, वसुंधरा जी से गहलोत साहिब, गहलोत साहिब से पायलट साहिब, पायलट साहिब से गहलोत साहिब।’ इसके जरिए अब तक विश्वेंद्र सिंह की बदलती राजनीतिक निष्ठाओं पर तंज कसा है कि कैसे वे अलग-अलग नेताओं के खेमे में जाते रहे और फिर उन्हें छोड़कर नए खेमे पकड़ते रहे।


विश्वेंद्र सिंह का यू टर्न:पायलट खेमा छोड़ गहलोत के नजदीक आए विश्वेंद्र, कहा- मैं अशोक के साथ हूं, क्योंकि सोनिया गांधी ने उन्हें CM बनाया, लेकिन मैं सचिन के भी साथ हूं

जयपुर
CM अशोक गहलोत के  साथ विश्वेंद्र सिंह -फाइल फोटो - Dainik Bhaskar
CM अशोक गहलोत के साथ विश्वेंद्र सिंह -फाइल फोटो

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान के बीच अब पायलट समर्थक विश्वेंद्र सिंह ने यू टर्न ले लिया है। विश्वेंद्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे में जाने के संकेत दे दिए हैं। गहलोत के मैनेजर लगातार विश्वेंद्र से मिल रहे हैंं। बुधवार को भी CM के एक नजदीकी नेता ने उनसे मुलाकात की। विश्वेंद्र सिंह के पाला बदलने की चर्चाएं करीब महीनेभर से ज्यादा अरसे से चल रही थीं, लेकिन अब उन पर मुहर लगती दिख रही है।

विश्वेंद्र सिंह ने भास्कर से कहा, ‘मैं अशोक गहलोत के साथ हूं क्योंकि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री बनाया है। मैं सचिन पायलट के भी साथ हूंं। मैं गहलोत और पायलट दोनों के बीच सेतु का काम कर रहा हूं ताकि कांग्रेस बच सके। आज ही मैंने सचिन पायलट से बात की है, कल भी मैं उनसे मिलने जाउंगा। मैं दोनों से ही मिलता रहता हूं।’

पायलट के कट्टर समर्थक विश्वेंद्र सिंह के सुर बदले
विश्वेंद्र सिंह सचिन पायलट के कट्टर समर्थक रहे हैं, लेकिन अब उनके सुर बदलते हुए दिख रहे हैंं। विश्वेंद्र सिंह का यह बयान कि वे गहलोत और पायलट दोनों के साथ हैं, इससे साफ जाहिर है कि उनका झुकाव बदल गया है। उनके बदले सुर इसी बात की तरफ इशारा करते हैं।

विश्वेंद्र सिंह ने विपक्ष में रहते PCC में पायलट के समर्थन में हाथ खड़े करवाए थे
विश्वेंद्र सिंह ने विपक्ष में रहते हुए PCC में हुई बैठक में सचिन पायलट के समर्थन में पार्टी नेताओं से हाथ खड़े करवाए थे। तब से लेकर विश्वेंद्र सिंह पायलट के साथ मजबूती से डटे थे। पिछले साल पायलट की बगावत के समय विश्वेंद्र सिंह बाड़ेबंदी में पायलट के साथ रहे। उन्हें पायलट और रमेश मीणा के साथ मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था।

पीआर मीणा के बाद गहलोत का समर्थन करने वाले पायलट कैंप के दूसरे विधायक
पिछले दिनों पायलट कैंप के टोडाभीम से कांग्रेस विधायक पीआर मीणा ने CM गहलोत की तारीफ की थी। साथ ही कहा था कि पायलट के साथ हूं और रहूंगा। अब पायलट कैंप के दूसरे विधायक विश्वेंद्र सिंह ने भी उसी तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है।

विश्वेंद्र सिंह के यू टर्न के पीछे सियासी वजह और मंत्री पद, परिवार विरोध में
विश्वेंद्र सिंह के यू टर्न को लेकर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं हैं। पिछले दिनों उनके पुत्र अनिरुद्ध सिंह के साथ उनका विवाद खुलकर सामने आया था। उस विवाद के पीछे भी विश्वेंद्र सिंह का खेमा बदलना ही प्रमुख कारण बताया जा रहा है। विश्वेंद्र के बेटे और पत्नी पायलट खेमे को छोड़ गहलोत के साथ जाने के विरोध में हैं, विश्वेंद्र सिंह के गहलोत कैंप में जाने का मां-बेटे विरोध कर रहे हैं। बताया जाता है कि मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद पाना भी इस फैसले के पीछे प्रमुख कारण हो सकता है।

राजस्थान के 71% लोगों का नहीं हुआ वैक्सीन:महिलाएं टीका लगवाने में पुरुषों से पीछे; 60+ एजग्रुप के 90 फीसदी से ज्यादा लोग ले चुके पहला डोज

जयपुर3 घंटे पहले
सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन अभी 45-59 एज ग्रुप वालों में हुआ है।  - Dainik Bhaskar
सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन अभी 45-59 एज ग्रुप वालों में हुआ है। 

राजस्थान में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान लगातार जारी है। प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 45 लाख 90 हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। जिलेवार स्थिति देखें तो सबसे ज्यादा टीके जयपुर में लगे हैं, यहां सभी कैटेगरी में 15.95 लाख लोग वैक्सीन कम से कम एक डोज ले चुके है। जैसलमेर इस मामले में सबसे निचले पायदान पर है, जहां अब तक 1.25 लाख लोगों को ही अब तक वैक्सीन लगी है। राजस्थान में महिला और पुरुष की स्थिति देखें तो महिलाएं टीका लगवाने में अब भी पुरुषों से पीछे हैं। अब तक लगे डोज में से लगभग 52.31 फीसदी भागीदारी पुरुषों की है, जबकि महिलाओं का प्रतिशत 48 फीसदी से भी कम है।

राजस्थान की टीकाकरण की स्थिति देखें तो अभी 71 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिन्हें टीके का पहला डोज भी नहीं लगा है। इसमें सबसे ज्यादा 18 से 44 एज ग्रुप वाले हैं। राजस्थान के चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक यहां 18 या उससे ज्यादा की उम्र के कुल 4 करोड़ 96 लाख लोग हैं। इसमें से अब तक 1 करोड़ 45 लाख 90 हजार से ज्यादा वैक्सीन लगवा चुके है, यानी अब तक केवल 29 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन लगी है।

90 फीसदी से ज्यादा बुजुर्ग

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से जारी रिपोर्ट को देखे तो राज्य में वैक्सीनेशन तीन अलग-अलग कैटेगिरी में हो रहा है। इसमें 18-44 वर्ष, 45 से 59 और 60 से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। राज्य में मौजूद 60+ लोगों में से 90 फीसदी से ज्यादा लोग वैक्सीन की पहली डोज लगवा चुके हैं, जबकि 35 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिनका वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है यानी वे दोनों डोज लगवा चुके हैं। इस एजग्रुप के अब तक 56.74 लाख से ज्यादा लोगों को डोज लग चुकी है।

4 जिलों में 10 लाख से ज्यादा डोज लगी

राजस्थान के 33 में से 4 ऐसे जिले हैं, जहां 10 लाख (दोनों डोज) से ज्यादा डोज लगाए जा चुके हैं। इसमें जयपुर के अलावा अलवर, नागौर और जोधपुर जिला शामिल है। वहीं जैसलमेर, प्रतापगढ़ ऐसे जिले है, जहां 2 लाख से भी कम डोज लग पाए हैं।

पूर्व सांसद दीनबंधु वर्मा का निधन:कोरोना की चपेट में आने के बाद से जयपुर में चल रहा था उपचार, मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके जताई संवेदना

उदयपुर5 घंटे पहले
पूर्व सांसद दीनबंधु वर्मा का निधन। - Dainik Bhaskar
पूर्व सांसद दीनबंधु वर्मा का निधन।

उदयपुर के पूर्व सांसद और राजस्थान सरकार में मंत्री रहे दीनबंधु वर्मा का कोरोना की चपेट में आने से निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को राजधानी जयपुर के मुहाना मंडी मोक्ष धाम में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा। वर्मा पिछले दिनों कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। जिसके बाद पिछले 15 दिन से जयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उन्होंने बुधवार को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वही वर्मा के निधन के बाद प्रदेश कांग्रेस में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत प्रदेश के आला नेताओं ने वर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर जताया शोक।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर जताया शोक।

कांग्रेस सरकार में पशुपालन मंत्री रहे दीनबंधु

दीनबंधु वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के निधन के बाद उदयपुर संसदीय सीट के लिए 1982 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे। इससे बाद वह 1985 में चित्तौड़गढ़ जिले की कपासन सीट से विधायक निर्वाचित हुए और राज्य सरकार में मंत्री रहे। उनके पिता माणिक्यलाल वर्मा की गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती थी। दिवंगत सांसद दीनबंधु वर्मा के पिता माणिक्यलाल वर्मा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल थे। पदम भूषण से सम्मानित माणिक्यलाल वर्मा राजस्थान के पूर्ण गठन से पहले प्रदेश के प्रधानमंत्री रहे तथा टौंक और चित्तौड़गढ़ से सांसद रहे।

जयसमंद झील का कोरोना कवच:झील के 7 टापू और किनारे बसे 8 गांवों में रहने वाले 7 हजार लोगों में कोई संक्रमित नहीं

उदयपुर7 घंटे पहले
जयसमंद झील के बीच स्थित 7 टापू के 643 और झील के किनारे बसे 8 गांवों के 6417 लोगों को संक्रमण छू भी नहीं पाया। - Dainik Bhaskar

जयसमंद झील के बीच स्थित 7 टापू के 643 और झील के किनारे बसे 8 गांवों के 6417 लोगों को संक्रमण छू भी नहीं पाया।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में शहर से दूर कई छोेटे-छोटे गांव भी संक्रमण की चपेट में आ गए। मगर एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित जयसमंद झील के बीच स्थित 7 टापू के 643 और झील के किनारे बसे 8 गांवों के 6417 लोगों को संक्रमण छू भी नहीं पाया। वजह है- इनका खुद का अनुशासन। ये लोग अपने-अपने टापू से बाहर नहीं निकले, जिससे इन टापुओं में कोरोना से कोई भी ग्रामीण संक्रमित नहीं हुआ।

वजह-इनका स्वअनुशासन; न तो खुद अपने टापू से बाहर निकले, न किसी बाहरी को आने दिया, सब्जी नहीं मिली तो प्याज-रोटी से काम चलाया

मुसीबत होने पर भी ये लोग टापू से बाहर नहीं निकले और न किसी को आने दिया। गाइडलाइन की पालना करते रहे। सब्जी नहीं मिल पाई तो मिर्च, प्याज व रोटी खाकर काम चलाया। कई को राशन भी उपलब्ध नहीं हुआ, लेकिन परिवारों को सुरक्षित रखा। यहां तक कि घर का पिसा हुआ आटा ही खाया।

बजरी का पुलिस जोड़:दूदू के पूर्व सीओ के लिए 50 दिन में बजरी से भरी 461 गाड़ियाें से वसूल लिए 11 लाख रुपए

जयपुर7 घंटे पहले
पुलिस ने फागी में बजरी से भरे ट्रक और एस्कॉर्ट करने वाले वाहन जब्त किए थे। इस मामले में सीओ और एसएचओ समेत कई सिपाही हटाए गए थे। - Dainik Bhaskar
पुलिस ने फागी में बजरी से भरे ट्रक और एस्कॉर्ट करने वाले वाहन जब्त किए थे। इस मामले में सीओ और एसएचओ समेत कई सिपाही हटाए गए थे।

फागी में बजरी माफियाओं से मिलीभगत के आराेप में बदनाम हाे चुकी फागी और दूदू पुलिस का एक और बड़ा खेल सामने आया है। चार दिन पहले बजरी ट्राेले काे एस्कार्ट कर ले जाते समय गिरफ्तार किए गए बजरी माफिया महेन्द्र मीणा ने दूदू पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया है कि आरपीएस विजय सेहरा के लिए वसूली करने वाले अमरपुरा दूदू निवासी राजेन्द्र चाैधरी काे 50 दिन में ही बजरी से भरी 461 गाड़ियाें के लिए 11 लाख रुपए दे दिए।

पुलिस ने गिरफ्तार बजरी माफिया महेन्द्र मीणा के पास से इस संंबंध में लेन-देन की पर्चियां भी बरामद की हैं। पुलिस अधिकारियाें तक वसूली का पैसा पहुंचाने वाला दलाल राजेन्द्र चाैधरी अभी फरार है। महेन्द्र मीणा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसे दूदू के तत्कालीन सीओ विजय सेहरा ने ही राजेन्द्र चाैधरी के नंबर दिए थे और मिलने काे कहा था। राजेन्द्र ने प्रति गाड़ी 3000 रुपए का ‘चार्ज’ फिक्स किया था। महेन्द्र मीणा ने भांकराेटा, चाकसू व बांदर सिंदरी पुलिस काे भी मासिक वसूली देने की बात स्वीकार की है।

बजरी माफिया गेगल अजमेर में बुकानी के रहने वाले महेन्द्र मीणा काे दूदूू में बजरी से भरे ट्रेलर काे एस्कार्ट करते हुए पांच जून काे पकड़ा गया था। उसे 11 जून तक रिमांड पर लिया है। पूछताछ में कई अफसरों के दामन दागदार होने के सबूत मिल रहे हैं।

पूछताछ में महेन्द्र ने बताया कि वह बजरी की गाड़ियाें काे एंट्री कराने का काम करता है। कुछ समय पहले तक दूूदू सीओ विजय सेहरा उनकी गाड़ियाें काे चलने नहीं दे रहे थे। इसके बाद मैं सीओ के गांव के सिपाही मुन्नालाल जाे भांकराेटा थाने में तैनात हैं, उनसे मिला और सेटिंग करवाने की बात कही। मुन्नालाल ने सीओ विजय सेहरा से बात कर उनके नंबर दिए।

बजरी माफिया महेन्द्र ने वाट्सएप से सीओ से बात की थी। सीओ ने उसे जवाहर सर्किल स्थित एक अस्पताल में बुलाया। बातचीत में सीओ विजय सेहरा ने अमरपुरा दूदू निवासी राजेन्द्र चाैधरी के नंबर दिए। राजेन्द्र से मिलकर बात की ताे उसने 3000 रुपए प्रति चक्कर ‘चार्ज’ फिक्स किया। 5 अप्रैल से 26 मई तक महेन्द्र ने राजेन्द्र काे गाड़ियां निकलवाने के लिए 11 लाख दे दिए।

इधर, मामला सामने आने के बाद राजेन्द्र चाैधरी फरार हाे गया। उसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। राजेन्द्र का दूदू में श्रीविनायक हाेटल है और वहीं से सारा रैकेट चला रहा था। दूसरी ओर, मामले काे लेकर आरपीएस विजय सेहरा का पक्ष लेने के लिए कई बार फाेन किया लेकिन उन्हाेंने फाेन रिसीव नहीं किया। सिपाही मुन्नाराम के दाेनों माेबाइल नंबर बंद आ रहे थे।

फागी बजरी कांड की जांच कर रही है सीआईडी सीबी
बजरी कांड में फागी पुलिस व सीओ विजय सेहरा की मिलीभगत का खुलासा हाेने के बाद जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त ने विजय सेहरा काे दूदू सीओ से हटा कर मुख्यालय लगा दिया था। ताकि जांच प्रभावित नहीं हाे। बाद में मामले की जांच सीआईडी सीबी काे दे दी गई। सीआईडी सीबी में आशाराम चाैधरी मामले की जांच कर रहे हैं।

थाने में सेटिंग, फाेन पे से होता था भुगतान

आराेपी महेन्द्र ने पूछताछ में कबूला है कि उसकी हर थाने में सेटिंग थी। कई बार जब वह नकद रूपए देने पुलिस कर्मियाें के पास नहीं जा पाता था ताे फाेन पे के माध्यम से उनकाे भुगतान करता था। फागी बजरी कांड का मामला सामने आने के बाद महेन्द्र ने माेबाइल से सारे लेन देन व वाट्सएप चैटिंग डीलीट कर दी।

पुलिस ने महेन्द्र का माेबाइल जब्त कर लिया है। जिसे जांच के लिए एफएसएल भेजा जाएगा। इधर, अधिकारियों का दावा है कि एफएसएल से जल्द रिपोर्ट मांगी जाएगी ताकि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके।

भास्कर एक्सपोज:सख्त लॉकडाउन के दौरान भी रणथंभौर में फिल्म शूटिंग जारी रखी, अब बाघिन की सरिस्का अभ्यारण्य में शिफ्टिंग में डाल रहे अड़ंगा

जयपुर7 घंटे पहलेलेखक: महेश शर्मा
देश के सबसे लोकप्रिय रणथंभौर नेशनल पार्क को लेकर विभाग-सरकार का रवैया हैरान-जनक है। - Dainik Bhaskar
देश के सबसे लोकप्रिय रणथंभौर नेशनल पार्क को लेकर विभाग-सरकार का रवैया हैरान-जनक है।
  • रणथंभौर बना रण: एनटीसीए ने मंजूरी की कर रहे अनदेखी, बरसात में शिफ्टिंग में हाेगी परेशानी, पर्यावरण व वन्यजीवों की अनदेखी
  • देश के सबसे लोकप्रिय रणथंभौर नेशनल पार्क को लेकर विभाग-सरकार का रवैया हैरान-जनक है। जब पूरे देश-प्रदेश में कोरोना के चलते मौत का तांडव चल रहा था तो सख्त लॉकडाउन के बीच यहां फिल्म शूटिंग को जारी रखा गया।

    वहीं अब जबकि यहां से एक बाघिन (टी-124 रिद्धी) को जरूरत के लिहाज से सरिस्का भेजने की मंजूरी नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) और केंद्र सरकार दोनों जगह से आ चुकी तो उसको किसी न किसी कारण से रोका जा रहा है। पूरे मामले में वनमंत्री और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन असहाय बने बैठे हैं।

    वनमंत्री ने तब भयावह हालात जान शूटिंग रोकनी चाही तो निर्देश बेदम निकले, अब वो बाघिन को शिफ्ट करने की मंजूरी के करीब एक महीने में भी अनभिज्ञ बने बैठे हैं। इस बीच गुजर रहे समय के चलते बाघिन की शिफ्टिंग में मुश्किलें बढ़ रही है, क्योंकि यही मौसम शिफ्टिंग के बेहद अनुकूल माना जाता है।

    बरसात के साथ ही बाघ के लिए नए घर में मॉनिटरिंग मुश्किल हो जाती है। चर्चा ए आम है कि शूटिंग से बाघिन का वास्ता है, वहीं रणथंभौर की एक लॉबी विशेष नहीं चाहती कि सरिस्का में रौनक बढ़े, बल्कि रणथंभौर में लड़ते-भिड़ते बाघों के हालात ही उनके टूरिस्ट का रोमांच बढ़ाते हैं।

    हाल देखिए! रणथंभौर में बाघ ज्यादा होने से लड़-मर रहे हैं, इधर सरिस्का खाली है.. इसके बावजूद कर रहे दोनों जंगल और वन्यजीवों की अनदेखी

    खमियाजा: जल्द फैसला नहीं हुआ तो बरसात में शिफ्टिंग नहीं हो पाएगी, क्योंकि पुनर्वास के बाद नई जगह पर मॉनिटरिंग करना होगा मुश्किल

    तारीख दर तारीख-
    एनटीसीए-केंद्र की मंजूरी से लगा सब आसान हो गया

    • 17 फरवरी, 2021 में एनटीसीए को प्रस्ताव भेजे।
    • 5 मार्च को सेंक्शन जारी हुआ।
    • 16 मार्च को भारत सरकार को यह कॉपी भेजी गई।
    • 10 मई को वहां से भी स्वीकृत।
    • 13 मई को चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने सेंक्शन जारी कर, सीसीएफ रणथंभौर-सरिस्का को कॉपी भेजी।

    जिस मसले पर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन सक्षम उसमें अडंगेबाजी शुरू

    • 14 मई, 2021 को यही कॉपी प्रमुख सचिव के ध्यानार्थ भेजी गई।
    • 18 मई को सचिव श्रेया गुहा ने फर्दर एक्शन पर रोक लगाते हुए डिटेल मांगी।
    • 28 मई को सारी डिटेल-एक्शन प्लान भेजा गया।
    • 2 जून को गुहा ने हैड ऑफ द फॉरेस्ट को लिखकर रिपोर्ट मांगी। इसमें चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन और संबंधित फील्ड डायरेक्टर से बात करके रिकमंडेशन मांगी, साथ ही पिछले ट्रांस-लोकेशन वाले अधिकारियों से भी चर्चा करके कमेंट मांगे। अब यह मीटिंग नहीं हो रही।

    हमने एनटीसीए के बाद केंद्र सरकार से भी मंजूरी ली है। राज्य सरकार ने एक्शन प्लान मांगा तो वो भेज दिया, स्वीकृति अपेक्षित है।-मोहनलाल मीणा, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन

    मुझे नहीं पता क्या चल रहा है। मीटिंग करने के लिए भेजा है। अभी कुछ नहीं कह सकती।-श्रुति शर्मा, हैड ऑफ द फॉरेस्ट

    हमने तो मंजूरी के लिए भेज रखा है, किसने रोका है? चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से बात करते हैं।-सुखराम विश्नोई, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री

  • राजस्थान में गर्मी से लोगों का हुआ बुरा हाल:गंगानगर में 45.1, चूरू में 43 डिग्री रहा तापमान, कई जिलों में लू का रेड अलर्ट; 14 जून से बारिश की संभावना

    जयपुर7 घंटे पहले

राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद एक बार फिर से गर्मी ने कहर दिखाना शुरू कर दिया है। बुधवार को दिनभर उमस भरा मौसम रहा। सुबह से ही तेज धूप से उमस बनी रही। अधिकतर शहरों में 40 डिग्री से ऊपर तापमान पहुंच गया है। गंगानगर में 45.1 डिग्री, चूरू में 43 डिग्री व हनुमानगढ़, बाडमेर, बीकानेर में 42 डिग्री तापमान तो जयपुर में 41.4,अलवर में 42, भीलवाड़ा, अजमेर में 39 डिग्री तापमान दर्ज हुआ है।

चिलचिलाती धूप लोगों को बेहाल करने लगी है, राहत की बात ये है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से राजस्थान में मानूसन जल्दी आने की संभावना बनी हुई है। पश्चिमी राजस्थान में तेज हवाएं चलेंगी। ये मानसून को आगे बढ़ाने में मदद करेंगी।

कूलर भी हुए बेअसर

मेवाड़ में पिछले कुछ दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल छाए रहे थे और गर्मी नहीं थी। अब पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने पर गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। तेज गर्मी में कूलर भी अब बेअसर होने लग गए हैं। कूलर चलाने से उमस अधिक बढ़ रही है। धूप और नमी ने उमस अधिक बढ़ा दी है। पश्चिमी राजस्थान के ऊपर प्रेशर ग्रेडियंट फोर्स बन रहा है जिससे जोधपुर और बीकानेर संभाग में तेज हवाएं चलने की संभावना है।

कई जिलों में लू का रेड अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान के कई जिलों में लू का रेड अलर्ट जारी किया है। चूरू, सीकर, गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, बाड़मेर, भरतपुर, धौलपुर व करौली में तीन से चार दिन तक तेज हवाएं चलेगी। इन हवाओं की गति 30 से 35 किमी प्रति घंटे रह सकती है। हवा की तेज गति के कारण आसमान में धूल भी छाई रहेगी।
14 जून से बारिश की संभावना

राजस्थान में मानसून सामान्यत: जून के आखिरी दिनों में प्रवेश करता है। मानसून के इस बार सामान्य रहने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार दो से तीन दिन के बाद बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। 14 जून से राजस्थान के कई जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना बताई जा रही है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।

मुंबई में प्री मानसून की अच्छी बारिश

जून की शुरुआत से ही मुंबई में अच्छी प्री-मानसून बारिश हो रही है। दक्षिण गुजरात तट के पास पूर्वोत्तर अरब सागर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र समुद्र तल से लगभग 4.5 किमी ऊपर बना हुआ है। यह चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र धीरे-धीरे उत्तरी महाराष्ट्र तट की ओर बढ़ेगा। देश के दूसरी ओर, बंगाल की खाड़ी में 11 जून तक एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इसके पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में पूर्वी मध्य प्रदेश की ओर बढ़ने की उम्मीद है।

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