{28-05-2021} FRESH NEWS

                         (28-05-2021)

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अमूल से बोला पेटा इंडिया- पौधों से बनाए जाने वाले दूध के कारोबार पर दें ध्यान

पशुओं के अधिकार के लिए काम करने वाले संगठन पेटा ने अमूल से वीगन मिल्क या पौधों से बनाए जाने वाले दूध के उत्पादन की तरफ बढ़ने को कहा है। अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी को एक पत्र में पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा) ने कहा कि डेयरी सहकारी सोसाइटी को लोकप्रिय हो रहे वीगन खाद्य और दुग्ध बाजार से फायदा लेना चाहिए।

पेटा इंडिया ने कहा, ''हम संयंत्र आधारित उत्पादों की मांग पर ध्यान देने के बजाए अमूल को फलते-फूलते शाकाहारी भोजन और दूध के बाजार से लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहेंगे। कई और कंपनियां भी बाजार में बदलाव के हिसाब से काम कर रही हैं और अमूल को भी ऐसा ही करना चाहिए।''सोढ़ी ने स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-समन्वयक अश्विनी महाजन के एक ट्वीट को रीट्वीट किया है। इस ट्वीट में लिखा है, ''क्या आप नहीं जानते कि ज्यादातर डेयरी किसान भूमिहीन हैं। इस विचार को लागू करने से कईयों की आजीविका का स्रोत खत्म हो जाएगा। ध्यान रहे दूध हमारे विश्वास में है, हमारी परंपराओं में, हमारे स्वाद में, हमारे खाने की आदतों में पोषण का एक आसान और हमेशा उपलब्ध स्रोत है।

अमूल भारतीय डेयरी सहकारी सोसाइटी है जिसका प्रबंधन गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन करता है।


कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की करें देखभाल, राज्यों से बोला सुप्रीम कोर्ट
cbi moves supreme court against the calcutta high court order

कोरोना वायरस की वजह से देशभर में बड़ी संख्या में बच्चे अनाथ हुए हैं। इस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए सरकारों को निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा है कि कोरोना में अनाथ हुए बच्चों की जरूरतों की देखभाल राज्य सरकारें करें। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वह ऐसे बच्चों की शिनाख्त करे, जिन्होंने देशव्यापी लॉकडाउन लगने के बाद या तो अपने माता-पिता या फिर कमाने वाले परिजन को खो दिया है।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने आज कहा, "जरूरतमंद बच्चों का ध्यान रखा जाना चाहिए... उनकी पीड़ा को समझें और उनकी जरूरतों को तुरंत पूरा करें।" कोर्ट बाल संरक्षण गृहों के मामले से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहा था। अदालत इससे पहले भी कई आदेश पारित कर चुकी है

पीठ ने कहा, "कोविड महामारी ने एक अभूतपूर्व स्थिति पैदा कर दी है और कमजोर बच्चों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। अधिकारियों को उन बच्चों की पहचान करनी चाहिए जो महामारी के कारण या अन्यथा अनाथ हो गए थे और उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाए।"

एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल ने अदालत की सहायता करते हुए एक याचिका दायर कर कहा था कि बड़ी संख्या में बच्चे अनाथ हो गए हैं। उन्होंने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा था कि अवैध रूप से बच्चों को अडॉप्ट किया जा रहा है। पीठ ने आज अधिकारियों से इस अदालत के आधिकारिक आदेश की प्रतीक्षा किए बिना भोजन, आश्रय और कपड़ों जैसी जरूरतों का ध्यान रखने को कहा है। साथ ही राज्यों को मार्च 2020 से अनाथ हुए बच्चों की जानकारी एकत्र करने के लिए भी कहा है। इसी समय से देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था। इस मामले में अगली सुनवाई एक जून को होगी।

             (BLACK FUNGUS)

              

ब्लैक फंगस




कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ ही भारत में अब ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ गया है। देश भर में अब तक 5,000 से ज्यादा ब्लैक फंगस के केस सामने आ चुके हैं। जानकारों के मुताबिक स्टेरॉयड के अधिक सेवन और अन्य तमाम दवाओं के चलते ब्लैक फंगस, वाइट फंगस या फिर येलो फंगस जैसी समस्या पैदा होती है। हालांकि राहत की बात यह है कि ब्लैक फंगस किसी इंसान को दूसरे व्यक्ति से संक्रमण के चलते नहीं होता।

                 (COVID-19)

कोरोना वायरस


देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया हुआ है। देश में कई बार 4 लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो देश में अभी कोरोना की दूसरी लहर का पीक आना बाकी है और यह मई के तीसरे हफ्ते तक आ सकता है। कोरोना से जंग में दूसरे देश भारत की मदद कर रहे हैं। अमेरिका से लेकर जर्मनी और ब्रिटेन तक भारत को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ ही जरूरी दवाएं, उपकरण मुहैया करवा रहे हैं।

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