{29-05-2021} EVENING NEWS
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कोरोना पर IIT दिल्ली की चेतावनी:दिल्ली में तीसरी लहर और खतरनाक होने की आशंका; रोजाना 45 हजार केस और 9 हजार लोगों को हॉस्पिटल की जरूरत पड़ सकती है
दिल्ली में कोरोना के संभलते हालात के बीच IIT दिल्ली की एक रिपोर्ट ने केजरीवाल और केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर में राजधानी को रोजाना 45000 कोरोना के मामलों के लिए तैयार रहना होगा। इस दौरान रोजाना करीब 9000 लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट करने की जरूरत पड़ेगी।
3 स्थितियों के आधार पर तैयार की रिपोर्ट
IITD रिव्यू एंड रिकमेंडेशन फॉर मैनेजमेंट ऑफ ऑक्सीजन ड्यूरिंग कोविड क्राइसिस फॉर GNCTD नाम की रिपोर्ट में तीन स्थितियों का जिक्र किया गया है। पहली स्थिति में कोरोना की दूसरी लहर की जैसी परिस्थितियों के रहने पर मरीजों की संख्या, अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या और ऑक्सीजन की जरूरत का अनुमान किया गया है। दूसरी स्थिति नए मामलों के 30% बढ़ने के बाद की जरूरतों पर आधारित है। तीसरी स्थिति संक्रमितों के आंकड़े में 60% की बढ़ोतरी होने पर है। इसी स्थिति में रोजाना 45 हजार से अधिक मामले आने का अनुमान लगाया गया रोजाना 944 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होगी
टाइम्स ऑफ इंडिया में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट में फाइल एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संकट से उबरने के लिए रोजाना 944 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होगी। मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जमसीत सिंह की पीठ ने चार हफ्ते के अंदर दिल्ली सरकार से IIT दिल्ली की तरफ से की गई सिफारिशों के आधार पर उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी मांगी है। सरकार को यह जानकारी टाइमलाइन के साथ कोर्ट में पेश करनी है।
सदी में एक बार आने वाली महामारी से निपट रहे : कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि हम सदी में एक बार आने वाली महामारी से निपट रहे हैं। ऐतिहासिक सबूतों के हिसाब से आखिरी महामारी 1920 में आई थी। ऑक्सीजन मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट बनाकर हम लंबी लड़ाई की तैयारी कर सकते हैं। आपको इसे सबसे ऊपर रखना चाहिए। इससे स्टोरेज, मूवमेंट, वाष्पीकरण जैसी कई चीजों की राह आसान हो सकती है।
तीसरी लहर से पहले तैयारी जरूरी
दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान IIT-दिल्ली के प्रोफेसर संजय धीर ने निष्कर्षों के माध्यम के बारे में कोर्ट को बताया। केजरीवाल सरकार के आंकड़ों के आधार पर उन्होंने दिल्ली में ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए राज्य के लिए कुछ चुनौतियों को शॉर्टलिस्ट किया। उन्होंने कहा कि ज्यादा खतरनाक तीसरी लऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की बात कही गई
रिपोर्ट में राजधानी में ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की बात कही गई है। इसमें दिल्ली सरकार से 20-100 टन की क्षमता वाले 20-25 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर खरीदने की बात कही गई है। इससे महामारी के दौरान ऑक्सीजन के डिस्ट्रीब्यूशन में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन टैंकर के साइज को लेकर सजग रहना होगा। ये ऐसा होना चाहिए कि ट्रांसपोर्ट के अलग-अलग मोड के साथ मैनेज हो सके।
दिल्ली में फिलहाल हालात काबू में
दिल्ली में शुक्रवार को 1,141 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 2,799 लोग ठीक हुए और 139 की मौत हो गई। अब तक 14.23 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 13.85 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 23,951 मरीजों की मौत हो चुकी है। यहां 14,581 का इलाज चल रहा है।हर की आशंका को देखते हुए स्टेोरेज क्षमता में बढ़ोतरी, दिल्ली के बाहर से सप्लाई में सुधार, प्रेशर स्विंग एडसॉर्पशन (PSA) प्लांट और क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकरों की कमी को दूर करने के लिए तुरंत उपाय किए जाने की जरूरत हैं।
भारत से मिली मदद नहीं भूलेगा अमेरिका:कोरोना के शुरुआती दौर में जिस तरह भारत से मदद मिली, ठीक उसी तरह अब अमेरिका भी मुश्किल वक्त में भारत का साथ देगा
ब्लिंकेन ने यह बात अमेरिका दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान कही। ब्लिंकेन ने कहा कि मौजूदा समय की कई अहम चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका और भारत मिलकर काम कर रहे हैं। कोविड-19 का सामना करने के लिए भी हम एकजुट हैं। साथ ही कहा कि दोनों देशों की पार्टनरशिप मजबूत है और हमें लगता है कि इसके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं।
उधर जयशंकर ने भी कोरोना से लड़ाई के मुश्किल वक्त में अमेरिका से मिली मदद और एकजुटता के लिए जो बाइडेन प्रशासन का आभार जताया है। जयशंकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत के कई मुद्दे हैं। पिछले सालों में हमारे रिश्ते मजबूत हुए हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहने का भरोसा है।
वैक्सीन पार्टनरशिप पर भी चर्चा हुई
जयशंकर ने कहा है कि ब्लिंकेन से मुलाकात में कोरोना वैक्सीन पर चर्चा सबसे अहम रही। हम अमेरिका की मदद से भारत में वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर भी ब्लिंकेन से मुलाकात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि इस मीटिंग में इंडो पैसिफिक, क्वाड, अफगानिस्तान, म्यांमार, UNSC से जुड़े मामलों और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को लेकर चर्चा हुई। साथ ही भारत-अमेरिका की वैक्सीन पार्टरनरशिप पर भी फोकस रहा, ताकि वैक्सीन सप्लाई सुनिश्चित हो सके।
जयशंकर ने अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी से भी मुलाकात की
ब्लिंकेन से मुलाकात से पहले जयशंकर ने शुक्रवार को ही अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान और डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन से भी मुलाकात की थी। ऑस्टिन और जयशंकर के बीच लंबी बातचीत हुई। इस दौरान दक्षिण एशिया और खासतौर पर अफगानिस्तान के मुद्दे पर फोकस रहा। हिंद और प्रशांत महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भी विस्तार से बातचीत हुई।
चीन की बढ़ती गतिविधियों के लिहाज से जयशंकर का दौरा अहम
जनवरी में जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के किसी कैबिनेट मंत्री का यह पहला अमेरिका दौरा है। यह दौरा इस लिहाज से भी अहम है कि चीन हिंद और प्रशांत महासागर में अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। जयशंकर और ऑस्टिन की मुलाकात के एक दिन पहले यानी गुरुवार को ही चीनी डिफेंस मिनिस्ट्री ने हिंद और प्रशांत महासागर में किसी बाहरी के ताकत के दखल को रोकने की मांग की थी। इसमें सीधे तौर पर अमेरिका का नाम लिया गया था।
एयर इंडिया का बोइंग 777-ER प्लेन दिल्ली से नवार्क के बीच फ्लाइट सर्विस के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'DEL-EWR AI-105 फ्लाइट के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर लोकल स्टेंडबाय इमरजेंसी घोषित की गई थी। विमान के उतरने पर क्रू ने केबिन में चमगादड़ होने की जानकारी दी।'
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने निकाला चमगादड़
शुक्रवार को उड़ान भरने के करीब आधे घंटे बाद पायलट ने एयर ट्रेफिक कंट्रोल को प्लेन में चमगादड़ होने की जानकारी दी थी। इसके बाद इमरजेंसी डिक्लेयर कर प्लेन को वापस लाने का फैसला किया गया। लैंडिंग के बाद जब एयरपोर्ट स्टाफ ने प्लेन की तलाशी ली, तो चमगादड़ कहीं नहीं मिला। इसके बाद वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स को बुलाया गया। उन्होंने प्लेन को फ्यूमिगेट (धुआं) किया, इसके बाद चमगादड़ मिला। हालांकि तब तक वह मर चुका था।
DGCA ने घटना की जांच के आदेश दिए
घटना की जानकारी मिलने के बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने जांच के आदेश दिए हैं। एक सीनियर ऑफिसर ने बताया, ‘एयर इंडिया के B777-300ER एयरक्राफ्ट को दिल्ली-नवार्क के बीच सर्विस के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका रजिस्ट्रेनशन नंबर VT-ALM है।’ इस मामले में ग्राउंड सर्विस स्टाफ की लापरवाही भी सामने आई है, क्योंकि विमान को हर उड़ान से पहले पूरी तरह चेक किया जाता है। सबकुछ ठीक होने पर ही इसे उड़ान के लिए क्लेयरेंस मिलता है।
B-777 ER में 344 यात्री सफर कर सकते हैं
दिल्ली से न्यूजर्सी जा रहे एयर इंडिया के प्लेन में सवार कुल यात्रियों की संख्या की जानकारी तो नहीं दी गई है, लेकिन जिस B-777 ER प्लेन को सर्विस के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उसमें 344 यात्री सफर कर सकते हैं। ऐसे में उड़ते प्लेन में चमगादड़ की मौजूदगी से यात्रियों समेत क्रू की जान खतरे में पड़ सकती थी।
इंजीनियरिंग सर्विस ने कहा- केटरिंग व्हीकल से आने की संभावना
प्लेन में चमगादड़ मिलने की घटना पर एयर इंडिया की इंजीनियरिंग सर्विस ने शुरुआती रिपोर्ट में कहा कि इसके लिए केटरिंग के व्हीकल जिम्मेदार हो सकते हैं। इंटरनेशनल फ्लाइट्स में यात्रियों को भोजन परोसा जाता है। यह भोजन बेस किचन से बनकर आता है और इसे प्लेन में लोड किया जाता है। पहले भी इस तरह के व्हीकल में चूहे और दूसरे छोटे जीव मिल चुके हैं।
कोरोना पर चीन को घेरने की अमेरिकी रणनीति:जो बाइडेन ने US की जांच एजेंसियों से 90 दिन में रिपोर्ट मांगी, कहा- पता लगाना होगा, वायरस कहां से आया?
कोरोनावायरस की उत्पत्ति के बारे में जानने के लिए अमेरिका ने कोशिशें तेज कर दी हैं। US प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने अमेरिकी जांच एजेंसी को इसकी बारीकी से जांच करने के लिए कहा है। उन्होंने इस जांच की रिपोर्ट 90 दिनों के अंदर मांगी है।
बाइडेन ने जांच एजेंसियों को चीन की वुहान लैब से वायरस निकलने की आशंका को लेकर भी जांच करने को कहा है। उन्होंने जांच एजेंसियों से कहा है कि ये वायरस जानवर से फैला या किसी प्रयोगशाला से, इस बारे में स्पष्ट जांच की जाए।
इंटरनेशनल कम्युनिटी से सहयोग की अपील
बाइडेन ने जांच में अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को मदद करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने इंटरनेशनल कम्युनिटी से जांच में सहयोग करने की अपील की है। बाइडेन ने कहा, 'अमेरिका दुनियाभर में उन देशों के साथ सहयोग जारी रखेगा, जो वायरस की जांच सही ढंग से कराना चाहते हैं। इससे चीन पर पारदर्शी और अंतर्राष्ट्रीय जांच में भाग लेने का दबाव डालने में आसानी होगी।
बाइडेन का बयान उस वक्त सामने आया है, जब अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फॉसी ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जांच आगे बढ़ाने की मांग की है।
अमेरिका कोरोनावायरस की जांच के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोरोनावायरस टास्क फोर्स के चीफ डॉक्टर एंथनी फौसी ने कुछ दिनों पहले इशारों में कहा था कि कोरोनावायरस की शुरुआत की जांच की जानी चाहिए और इस मामले में किसी थ्योरी को खारिज नहीं किया जा सकता। इसके पहले ऑस्ट्रेलियाई सरकार के एक मंत्री ने भी इसी तरह का बयान दिया था।
कुछ दिन पहले ‘वीकेंड ऑस्ट्रेलिया’ ने भी एक एक्सपर्ट के हवाले से कहा था कि चीन 2015 से जैविक हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है और उसकी मिलिट्री भी इसमें शामिल है। इस एक्सपर्ट ने शक जताया था कि लैब में रिसर्च के दौरान गलती से यह वायरस लीक हुआ। इसके बाद अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा- चीन वायरस की जो थ्योरी बताता है, उस पर शक होता है, क्योंकि नवंबर 2019 में ही वहां वुहान लैब के तीन वैज्ञानिकों में इसके लक्षण पाए गए थे और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
WHO की मुश्किलें फिर बढ़ेंगी
डोनाल्ड ट्रम्प जब राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा था कि कोरोनावायरस को चीनी वायरस कहा जाना चाहिए, क्योंकि यह चीन से निकला और चीन ने ही इसे फैलाया। ट्रम्प ने तो यहां तक दावा किया था कि अमेरिकी जांच एजेंसियों के पास इसके सबूत हैं और वक्त आने पर इन्हें दुनिया के सामने रखा जाएगा। हालांकि, ट्रम्प चुनाव हार गए और मामला ठंडा पड़ गया। अब बाइडेन के सख्त रुख ने चीन और WHO की मुश्किलें फिर बढ़ा दी हैं।
WHO को ट्रम्प चीन की कठपुतली कहते रहे। उन्होंने इस संगठन की फंडिंग रोक दी थी। बाइडेन ने इसे फिर शुरू कर दिया है। लेकिन, WHO पर आरोप लग रहे हैं कि उसने पूरी जांच किए बगैर ही चीन को क्लीन चिट दे दी और कहा कि वायरस लैब से लीक नहीं हुआ। अब अमेरिका के सख्त रुख के बाद WHO पर दबाव बढ़ेगा, क्योंकि दूसरे देश भी उससे जवाब मांगेंगे।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक, व्हाइट हाउस के अफसरों ने इस हफ्ते की शुरुआत में ही साफ कर दिया था कि WHO को नए सिरे से और साफ सुथरी जांच करनी होगी। व्हाइट हाउस ने यह भी कहा था कि इस जांच से चीन को दूर रखा जाए। अब अगर WHO ऐसा नहीं करता है तो अमेरिका उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। अमेरिकी हेल्थ सेक्रेटरी जेवियर बेरेका और उनकी टीम को शक है कि कोरोनावायरस लैब एक्सीडेंट की वजह से लीक हुआ। इस मामले में कुछ सबूत भी उनके पास बताए जाते हैं। बेरेका ने तो यहां तक कहा था कि चीन के कट्टर दुश्मन ताइवान को इस जांच का ऑब्जर्वर बनाया जाना चाहिए, जबकि वो WHO का मेंबर नहीं है।
पेरिस ग्रुप नामक एक ग्रुप ऑफ रिसर्चर्स ने भी पिछले दिनों साफ तौर पर कहा था कि कोरोनावायरस लै
कोरोना दुनिया में:बीते दिन 5.58 लाख नए केस, 12,327 की मौत; बेल्जियम में अब सिर्फ 41+ उम्र के लोगों को ही J&J वैक्सीन लगेगी
उधर, बेल्जियम में वैक्सीनेशन ड्राइव को करारा झटका लगा है। यहां की हेल्थ एजेंसी ने जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को सीमित कर दिया गया है। यहां अब 41 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को इस वैक्सीन का डोज दिया जाएगा।
फ्रांस में UK से आने वालों के लिए क्वारैंटाइन अनिवार्य
फ्रांस ने ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए क्वारैंटाइन पीरियड अनिवार्य कर दिया है। भारत में सबसे पहले पाए गए वैरिएंट की वजह से ब्रिटेन मं कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। इस वजह से फ्रांस सरकार ने यह फैसला किया है। फ्रांस से पहले ऑस्ट्रिया ने भी ब्रिटेन से सीधी फ्लाइट सेवा रद्द कर दी थी। वहीं, जर्मनी ने बीते शुक्रवार को कहा था कि ब्रिटेन से आने वाले किसी भी व्यक्ति को यहां पहुंचने के बाद 2 हफ्ते क्वारैंटाइन रहना होगा।
बेल्जियम में रेयर ब्लड क्लॉट जैसे साइइफेक्ट के खतरे को ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है। यहां बीते शुक्रवार को 40 साल की महिला को जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन का डोज लगाया गया था। इसके उसमें गंभीर थ्रोमबोसिस और ब्लड क्लॉट जैसे साइडइफेक्ट देखने को मिले थे। हॉस्पिटल में एडमिट कराने के बाद उसकी मौत हो गई थी।
कोरोना अपडेट्स
- अमेरिका के ओहियो राज्य ने वैक्सीनेशन के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए लॉटरी सिस्टम के जरिए ईनाम देने का ऐलान किया है। आज से इसकी शुरुआत हो रही है। हर हफ्ते ड्रॉ के जरिए पांच लोगों को चुना जाएगा। हर एक को 10 लाख डॉलर (करीब 7.2 करोड़ रुपए) मिलेंगे।
- यूरोपियन देशों ने गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन दान करने का फैसला लिया है। यूरोपीय देशों के नेताओं ने कहा कि वे साल के अंत तक ऐसे देशों को वैक्सीन के 10 करोड़ डोज मुहैया कराएगा, जो वैक्सीन खरीदने में सक्षम नहीं हैं।
- अब तक 16.90 करोड़ केस
देश | संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 33,947,189 | 605,208 | 27,606,442 |
भारत | 27,156,382 | 311,421 | 24,343,299 |
ब्राजील | 16,195,981 | 452,224 | 14,648,332 |
फ्रांस | 5,609,050 | 108,879 | 5,246,228 |
तुर्की | 5,203,385 | 46,621 | 5,045,508 |
रूस | 5,017,795 | 119,194 | 4,632,955 |
ब्रिटेन | 4,467,310 | 127,739 | 4,305,971 |
इटली | 4,197,892 | 125,501 | 3,804,246 |
जर्मनी | 3,662,568 | 88,161 | 3,423,700 |
स्पेन | 3,652,879 | 79,801 | 3,402,258 |
जेफ बेजोस-जेम्स बॉन्ड साथ आए:97 साल पुराना MGM स्टूडियो 61.5 हजार करोड़ में अमेजन का; ओटीटी पर दिखेंगी बॉन्ड की फिल्में
हॉलीवुड के स्वर्णिम युग का साक्षी मेट्रो-गोल्डविन-मेयर (एमजीएम) स्टूडियो जल्द ही अमेजन का हो जाएगा। इसे लेकर दोनों के बीच एक डील भी साइन हो चुकी है। यह डील 845 करोड़ डॉलर (करीब 61,500 करोड़ रुपए) में हुई है। नियामक संस्थाओं की मंजूरी मिलते ही यह अमल में आ जाएगा।
एमजीएम स्टूडियोज के पास ही जेम्स बॉन्ड की सभी फिल्मों के अधिकार हैं। एमजीएम की स्थापना मारकस लोए और लुईस बी मेयर ने 17 अप्रैल 1924 को की थी। मनोरंजन की दुनिया में फिल्मों, वेब सीरीज और अन्य कंटेंट के सीधे ओटीटी पर शुरू हुए डिस्ट्रीब्यूशन के दौर में दो बड़ी कंपनियों का ये अपनी तरह का पहला विलय है। अमेजन ने बुधवार को कहा कि एमजीएम बहुमूल्य है, इसलिए उसने संभावित अन्य खरीदारों जैसे एपल और कॉमकॉस्ट से 40% ज्यादा राशि देकर यह डील की है। अमेजन की ओर से यह डील उस वक्त की जा रही है, जब दुनिया की सबसे बड़ी टेलिकम्युनिकेशन कंपनी एटीएंडटी ने एक नई मीडिया दिग्गज बनाने के लिए वॉर्नर मीडिया को डिस्कवरी के साथ विलय करने की घोषणा की है। यह नेटफ्लिक्स जैसे प्रमुख स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी। बिग टेक और मनोरंजन उद्योग के कन्वर्जंस के दौर में यह डील महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अब तक इंटरनेट कंपनियां अपने दम पर ही आगे बढ़ी हैं। हॉलीवुड स्टूडियो की मदद उन्होंने कभी नहीं ली।
महामारी के दौरान स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की व्यूअरशिप जबरदस्त तरीके से बढ़ी, इसलिए अमेजन का भी रुझान इस तरफ ज्यादा हुआ। कंपनी ने ‘कमिंग 2 अमेरिका’ के अधिकारों के लिए करीब 900 करोड़ रुपए और ‘द टुमारो वॉर’ के लिए 1450 करोड़ रुपए दिए थे। अमेजन की महत्वाकांक्षाएं ऑस्कर पुरस्कारों को लेकर भी है। इसलिए कंपनी ने ‘साउंड ऑफ मेटल’ के अधिकार खरीदे थे। फिल्म ने बेस्ट साउंड और एडिटिंग के लिए ऑस्कर जीता था।
4 हजार से ज्यादा फिल्में, 17 हजार टीवी शो हैं एमजीएम की लाइब्रेरी में
एमजीएम की लाइब्रेरी में 4 हजार से ज्यादा फिल्में हैं। इनमें 12 एंग्री मेन, बेसिक इंस्टिंक्ट, क्रीड, जेम्स बॉन्ड, लीगली ब्लॉन्ड, मूनस्ट्रक, रेजिंग बुल, रोबोकॉप, रॉकी, साइलेंस ऑफ द लैंब्स, स्टारगेट, थेल्मा एंड लुईस, टॉम्ब राइडर, द मैग्निफिसेंट सेवन, द पिंक पैंथर जैसी फिल्में शामिल हैं। इसके 17 हजार से ज्यादा टीवी शो शामिल हैं। फारगो, द हैंड्समेड टेल और वाइकिंग्स जैसी सुपरहिट टीवी सीरीज एमजीएम ने ही बनाई हैं। कंपनी के पास तमाम एनिमेशन फिल्मों के अधिकार के अलावा सारी जेम्स बॉन्ड फिल्मों के प्रसारण, प्रदर्शन व वितरण अधिकार भी हैं। जेम्स बॉन्ड सीरीज की नई फिल्म ‘नो टाइम टू डाई’ तैयार है और इसकी रिलीज चार बार टाली जा चुकी है।
बच्चियों से जानवरों जैसा सुलूक:मैक्सिको में कम उम्र की लड़कियां बतौर दुल्हन बेची जा रहीं, विरोध शुरू; पीड़िताएं बोलीं- हम जानवर नहीं
मैक्सिको में 34 लाख की आबादी वाला ग्युरेरो राज्य, यहां माता-पिता अपनी बेटियों को कम उम्र में बतौर दुल्हन बेच देते हैं। वो भी महज डेढ़ लाख रुपयों के लिए। दक्षिण मैक्सिको के ग्युरेरो में यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है। हालांकि, कई लोग अब इसका विरोध करने लगे हैं।
इस परंपरा को लेकर 23 साल की एलोइना फेलिसियानो बताती हैं कि मुझे महज 14 साल की उम्र बेच दिया गया था। मैंने मां से गुजारिश की थी कि मुझे बेचा नहीं जाना चाहिए। लेकिन मेरी विनती बेकार गई।’ अपनी गुहार को लेकर एलोइना कहती हैं- ‘बेचा तो जानवरों को जाता है। हम जानवर नहीं, इंसान हैं।’ कुछ एक्टिविस्ट बताते हैं कि ग्युरेरो में आज भी दर्जनों समुदायों में इस तरह के समझौते किए जाते हैं। दुल्हन के माता-पिता 1.45 लाख रु. से 13 लाख रुपए मांगते हैं और शादी करा देते हैं।
सेंटर ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑफ द माउंटेन के निदेशक एबेल बैरेरा कहते हैं- ‘यहां लड़कियां पूरी तरह से असुरक्षित हैं। उनका नया परिवार उन्हें घरेलू और कृषि कार्यों के साथ गुलाम बनाता है। कभी-कभी ससुराल वाले उनका यौन शोषण भी करते हैं। यहां लड़कियां वस्तु बन गई हैं। 61 साल की मौरिलिया जूलियो को भी कम उम्र में बेच दिया गया था। वह कहती हैं- ‘लोग लड़की को खरीदने केे लिए उन्हें सताते हैं। कई महिलाएं कहती हैं कि मैं अपनी बेटी को 5,500 डॉलर-6,000 डॉलर में बेच रही हूं, क्योंकि मुझे पैसे चाहिए, लेकिन यह सुनकर मुझे दुख होता है क्योंकि वे तो उनके ही बच्चे हैं।’
मेरी बेटी है, वही करूंगा जो चाहूंगा...और बेच देते हैं
ग्युरेरो में पिछले साल 9 से 17 साल के बीच की लड़कियों ने 3 हजार से ज्यादा बच्चियों को जन्म दिया। उनमें से कुछ को शादी के लिए बेच दिया गया है। 29 साल के विक्टर मोरेनो कहते हैं- ‘हम चाहते हैं कि यह परंपरा बदल जाए। लेकिन कुछ पिता कहते हैं कि मैं जो चाहता हूं, वही करूंगा क्योंकि मेरी बेटी है। कोई मुझे यह नहीं बताएगा कि क्या करना है।’
आंकड़े लीक होने का डर:SBI और HDFC बैंक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कहा रिजर्व बैंक के आदेश पर रोक लगे
- * बैंकों का कहना है कि ग्राहकों की जानकारी देना मतलब गोपनीयता से समझौता करना है
- * संवेदनशील सूचनाओं का खुलासा करने से बैंकों के समक्ष मुश्किलें पेश आ जाएंगी
देश के दो सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SB) और HDFC बैंक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। दोनों की मांग है कि रिजर्व बैंक के आदेश पर रोक लगे। इन दोनों का कहना है कि वे संवेदनशील आंकड़ों को जारी नहीं कर सकते हैं।
RTI के तहत जानकारी मांगने का मामला
मामला कुछ ऐसा है। इन दोनों बैंकों ने कहा है कि सूचना के अधिकार (RTI) के तहत वे संवेदनशील आंकड़ों की जानकारी नहीं दे सकते हैं। हालांकि RBI का आदेश है कि आंकड़े RTI के तहत देने चाहिए। इन दोनों बैंकों ने कल सुप्रीम कोर्ट में कहा कि रिजर्व बैंक के इस तरह के आदेश पर रोक लगाई जाए। अगर वे आर्थिक आंकड़े देते हैं तो इससे उनको नुकसान हो सकता है। इन्होंने कहा कि RBI के निर्देश पर रोक लगाई जाए।
कारोबारी संचालन के लिए सही नहीं है
दोनों बैंकों का कहना है कि उनके कारोबारी संचालन के लिए यह सही नहीं है। ग्राहकों की जानकारी देना मतलब गोपनीयता से समझौता करना है। हालांकि यह निर्देश RBI के खिलाफ मांगा गया था, लेकिन इसका उद्देश्य SC के उस आदेश पर केन्द्रित था जिसने इस तरह के आंकड़ों को देने की मंजूरी दी थी। कोर्ट ने पहले RBI को सूचना के अधिकार कानून के तहत खुलासे से रोका था।
SBI ने अपने वकील संजय कपूर के माध्यम से कहा कि RBI RTI के तहत अपने कर्मचारियों और उसके ग्राहकों की जानकारी सहित बैंक की गोपनीय और संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने की मांग कर रहा है। हालांकि उसे अधिनियम की धारा 8 के प्रावधानों के तहत छूट मिली है।
तुषार मेहता और रोहतगी पेश हुए
SBI और HDFC की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए। उन्होंने जज एल एन राव और अनिरुद्ध बोस की पीठ को बताया कि बैंकों की निरीक्षण रिपोर्ट/जोखिम आंकलन रिपोर्ट/वार्षिक वित्तीय निरीक्षण रिपोर्ट जैसी संवेदनशील सूचनाओं का खुलासा करने से उनके समक्ष मुश्किलें पेश आ जाएंगी। प्रतिस्पर्धी बैंक या कंपनियां इसका फायदा उठाने लगेंगे जो कि बैंकों के हित में नहीं होगा। कोर्ट ने इससे पहले RBI को सूचना के अधिकार कानून के तहत ऐसी खबरों का खुलासा करने से रोक दिया था।
RTI के तहत मांगी जाती हैं जानकारियां
बता दें कि RTI के तहत बैंकों से ऐसी जानकारियां मांगी जाती हैं, जिनको देना संभव नहीं होता है। कई बार बैंकों से ऐसी जानकारियां मांगी जाती हैं। हालांकि ज्यादातर आंकड़े बैंकों के स्टॉक एक्सचेंज और रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर होते हैं, फिर भी कुछ गोपनीय आंकड़े मांगे जाते हैं जो बैंक नहीं देते हैं।
एक साल में 71 से 100 के पार पहुंचा पेट्रोल:MP और राजस्थान के सभी और महाराष्ट्र के 30 जिलों में पेट्रोल की कीमत 100 के पार, डीजल एक साल में 22% महंगा
महंगाई बढ़ने की सबसे बड़ी वजह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आई रिकॉर्ड बढ़त है। देश के कई क्षेत्रों में एक लीटर पेट्रोल का भाव 100 रुपए के पार हो गया है। इन दिनों मध्य प्रदेश और राजस्थान के सभी जिलों पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार निकल गया है। वहीं महाराष्ट्र के 30 और आंध्र प्रदेश के 7 जिलों में भी पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के पार पहुंच गई है।
देश के 122 जिलों में पेट्रोल 100 के पार
देश के 726 जिलों में से 122 जिलों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार निकल गया है। देश में सबसे पहले राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल 100 रुपए के पार निकला था। देश की आर्थिक राजधानी दिल्ली में भी पेट्रोल आज 100 रुपए के पार निकल गया है।
राज्यों में पेट्रोल का भाव 105 रुपए प्रति लीटर
सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के मुताबिक राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल का भाव 93.68 रुपए है, लेकिन राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल 104.94 रुपए के रिकॉर्ड भाव पर बिक रहा है। वहीं, मध्यप्रदेश के अनूपपुर में भी पेट्रोल 104.62 रुपए पर पहुंच गया है। इन दोनों राज्यों के कई जिलों में पेट्रोल के भाव अब तक के सबसे ऊंचे भाव पर बिक रहे हैं।
गला काटकर भागे बदमाश, घायल ने खून से लिखे नाम:आपसी विवाद में स्कूल संचालक और उसके दो बेटों ने ITI कॉलेज डायरेक्टर के बेटे का गला काटा, मरा समझ भागे, युवक अस्पताल में भर्ती
खेरिया में शुक्रवार रात 12.30 बजे स्कूल संचालक और उसके दो बेटों ने ITI कॉलेज डायरेक्टर के बेटेका गला रेत दिया। युवक आईटीआई काॅलेज के कमरे में सो रहा था। हमलावर उसे मरा समझकर वहां से निकल गए, लेकिन वह बच गया। लहूलुहान युवक को लगा कि कहीं उसकी मृत्यु के बाद हमलावर बच न जाएं, इसलिए उसने फर्श पर ही अपने खून से उनके नाम लिख दिए। तीनों हमलावर युवक के पड़ोसी बताए जा रहे हैं। रुदावल पुलिस ने कमरे को सील कर दिया। घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एसएचओ मनीष शर्मा ने बताया कि घायल खेरिया निवासी भानू शर्मा (20) है। रात साढ़े 12 बजे गांव के ही नवीन, सोनू व उनके पिता रामकुमार कमरे में आए। इन्होंने उसके कमरे का गेट खुलवाया। जैसे ही भानू ने दरवाजा खोला सोनू ने उसका मुंह बांध दिया। रामकुमार और नवीन ने धारदार हथियार से उसके हाथ व गला रेत दिया।
भाई को आवाज देकर बुलाया
बदमाशों के जाने के बाद घायल भानू ने मदद के लिए अपने बड़े भाई राहुल को आवाज लगाई। राहुल ऊपर के ही कमरे में सो रहा था। इस दौरान भानू ने जमीन पर अपने खून से आरोपियों का नाम भी लिखा। मौके पर पहुंचे राहुल ने भानू को अस्पताल पहुंचाया। इसके साथ पुलिस और परिवार को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि हत्या के कारण का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है। दोनों में रंजिश भी नहीं बताई जा रही। आरोपी स्कूल का मालिक और घायल के पिता का आईटीआई कॉलेज है। स्कूल और आईटीआई कॉलेज अगल-बगल में हैं। पुलिस कारणों की तलाश में जुटी है।
पड़ाेसी होने के कारण रात में खोल दिया था दरवाजा
घायल भानू के पिंता उत्तम शर्मा ने बताया कि तीनों हमलावर उनके पड़ाेसी हैं। इनका काॅलेज के बगल में स्कूल और घर है। नवीन से जान-पहचान का होने के कारण भानू ने रात में दरवाजा खोल दिया था। हमले के बाद आरोपी जाते समय भानू का मोबाइल तोड़कर कमरे की बिजली बंद कर गए।
पुलिस परिजनों से पूछताछ में जुटी
फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों की तलाश में जुटी है। उनके परिजनों और परिचितों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही, दोस्तों से भी जानकारी जुटाई जा रही है। इससे जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो सके। वहीं घायल भानू का इलाज चल रहा है। भानू के गले में गहरा कट का निशान है। जो आगे के पूरे हिस्से में लगा है।
कचरा बढ़ा रहा प्रदूषण, पॉलीथिन से अटे खेत व झाड़ियां:आए दिन लग जाती है आग, निस्तारण के लिए नगर पालिका की कोई व्यवस्था नहीं
अजमेर जिले के केकड़ी शहर में ट्रेचिंग ग्राउंड पर पहुंचाया जा रहा कचरा क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ा रहा है। इसका कारण नगर पालिका की ओर से यहां कचरे के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं होना है। यहां जलने वाले कचरे से न केवल प्रदूषण बढ़ रहा है, बल्कि यहां से उड़कर जाने वाली पॉलीथिन भी खेतों व पेड़ों पर पसरी पड़ी है। ऐसे में किसानों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
कचरा पहुंचाने की व्यवस्था, निस्तारण की नहीं
केकड़ी नगर पालिका क्षेत्र में 40 वार्ड है और 102 कार्मिक सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभालते है। यहां पर सफाई दिन में दो बार सुबह छह बजे से 10 बजे और शाम को 2 बजे से 6 बजे तक होती है। यहां होने वाले कचरे को 10 छोटे टैम्पों व 5 बडे़ टैम्पों के जरिए ट्रेचिंग ग्राउंड पर पहुंचाया जाता है। ट्रेचिंग ग्राउंड शहर से करीब चार किलोमीटर दूर कादेड़ा रोड पर टोल के पास है। लेकिन यहां पर कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यहां निर्धारित जमीन के साथ सड़क किनारे तक कचरा पसरा पड़ा है।
आए दिन आग, लगती या लगाई जाती, सवाल
यहां कचरा निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं, लेकिन कचरे को कम करने के लिए आग एक माध्यम है। यह आग लग जाती है या फिर कचरा कम करने के लिए लगाई जाती है,यह एक बड़ा सवाल है, लेकिन कारण कुछ भी हो, इससे क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है। नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी राकेश पारीक का कहना है कि कचरे में आग नहीं लगाई जाती,बल्कि दुकानों से भटि्टयों की राख जो कचरे के साथ जाती है, वह हवा पाकर भभक उठती है, इसलिए आग लग जाती है।
पॉलीथिन से अटी पड़ी झांडियां व खेत
ट्रेचिंग ग्राउंड पर डाले जाने वाले कचरे से सूखने के बाद पॉलीथिन आस पास के क्षेत्र में उड़ती है। इससे क्षेत्र के खेत व झाड़ियां पॉलीथिन से अटी पड़ी है। इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है बल्कि आस पास के किसानों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसको लेकर लोगों की ओर से नगर पालिका में शिकायत भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विडंबना:पहले वर्कऑर्डर में 25 फीसदी भी कार्य पूरा नहीं, दूसरे वर्कऑर्डर के कार्य में प्लानिंग की दरकार
- * एस्केप चैनल का पूरा काम बारिश से पहले करना जरूरी
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आनासागर एस्केप चैनल का कार्य जारी है। इसमें 18-18 कराेड़ रुपए के अब तक दाे वर्कऑर्डर जारी हुए हैं, जिसमें पुलिया निर्माण, दीवारों की रिपेयरिंग, नालाें की गहराई बढ़ाना, पक्का बैड बनाना, साफ-सफाई के लिए जेसीबी उतारने के लिए पक्के रैंप आदि बनाने का कार्य जारी है। पहले वर्कऑर्डर में अब तक तक 25 प्रतिशत कार्य भी पूरा नहीं हुआ है, जबकि दूसरे वर्कऑर्डर के कार्य बिना प्लानिंग किए जा रहे हैं। एस्केप चैनल का कार्य एक छाेर से दूसरे छाेर तक क्रमबद्ध तरीके से किया जाना था, लेकिन बीच-बीच में यह कार्य किया जा रहा है। मानसून सिर पर है, एेसे में जाे काम किया है कहीं उस पर पानी नहीं फिर जाए।
18 कराेड़ रुपए के वर्कऑर्डर में 3 कराेड़ के ही काम होंगे
वर्ष 2016 में 18 कराेड़ का वर्कऑर्डर हुआ था, जिसमें नालाें की पुलिया निर्माण, मरम्मत, दीवारें औैर जलभराव राेकने के उपाय करने वाले सभी कार्य किए जाने थे। इसमें सुभाष नगर के पास महादेव नगर में एस्केप चैनल पर एक पुलिया बनाई गई है, इसके दाेनाें ओर दीवारें बनाई गई हैं। क्षेत्र में बारिश के दिनाें में जलभराव की समस्या थी, एस्केप चैनल का पानी बाहर सड़क पर भर जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हाेगा। डीएवी शताब्दी स्कूल के सामने सुभाष नगर के रास्त पर रपट है, यहां बारिश के दिनाें में जलभराव हाेने से क्षेत्र के लाेगाें काे परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पुलिस बना दी गई है, बाॅक्स व कन्वर्ट रख दिए गए हैं। आगामी 10 दिनाें में यह कार्य पूर्ण हाे जाएगा। अठारह कराेड़ के इस वर्कऑर्डर में करीब 3 कराेड़ के कार्य ही हाेंगे। बाकी बजट वर्कऑर्डर-2 में समाहित किया जाएगा।
बीच-बीच में छाेड़ रखा है काम
स्मार्ट सिटी के तहत किए गए 18 कराेड़ के इस वर्कऑर्डर में महादेव के ढाबे से नाै नंबर पेट्राेल पंप तक एस्केप चैनल के बैड पक्के करने, गहराई बढ़ाने, दीवारों की रिपेयरिंग औैर साफ-सफाई आदि का कार्य हाेना है। इसमें जेसीबी के लिए 4-5 जगह पर नाले में उतरने के लिए स्थाई रैंप भी बनाए जाने है। ब्रह्मपुरी में बाॅक्स ड्रेन डाली जानी है। यह कार्य शुरुआत में महादेव के ढाबे से प्रारंभ हाेना था, लेकिन नहीं हुआ। फिर ब्रह्मपुरी में काम करने के लिए जायजा लिया गया लेकिन यहां से कार्य शुरू नहीं हुआ। वर्तमान में रेलवे के नए एंट्री गेट ताेपधड़ा के सामने नाले में बैड पक्का करने का कार्य जारी है। ब्रह्मपुरी नाला औैर इससे पहले का सारा कार्य फिलहाल नहीं किया जा रहा है।
तेज बारिश आई ताे नुकसान
यदि तेज बारिश आई ताे एस्केप चैनल के कार्य में व्यवधान हाेगा औैर काम राेकना पड़ेगा। बारिश में कार्य करना संभव नहीं है। जाे कार्य हाे चुका है, उसके नुकसान हाेने की संभावना बढ़ जाती है, क्याेंकि बिना प्लानिंग काम हो रहा है।
कचहरी राेड पर एस्केप चैनल का कार्य जारी है। काम पूरी प्लानिंग से किया जा रहा है। अलग-अलग चरणाें में मानसून से पहले यह कार्य पूर्ण हाेगा।’
-अनिल विजयवर्गीय, चीफ इंजीनियर, स्मार्ट सिटी लिमिटेड
हज यात्रा 2021:को-वैक्सीन लगवाने वाले आजमीन की हज यात्रा पर अभी संशय
कोरोनाकाल के चलते इस वर्ष भी हज यात्रा को लेकर अभी तक संकट के बादल छंटे नहीं हैं। हज यात्रा होगी या नहीं, यह अभी तक तय नहीं हो पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि एक पखवाड़े में स्थिति साफ हो जाएगी।
इधर, सऊदी अरब सरकार द्वारा जारी हेल्थ एडवाइजरी में प्रत्येक आजमीन से वैक्सीन का ब्यौरा मय नाम मांगा गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि अन्य देशों की तरह सऊदी अरब भी को-वैक्सीन लगवाने वाले आजमीन नहीं जा पाएंगे। हां, इस यात्रा से पूर्व यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस वैक्सीन को लेकर कुछ अपडेट आ जाता है, तो स्थिति बदल सकती है।
हज के सफर पर जाने वाले आजमीन मानसिक रूप से तैयार हैं। जिन आजमीन ने आवेदन किए हैं, उनमें से अधिकांश ने वैक्सीन भी लगवा ली है। अब नया मामला को वैक्सीन की विदेशों में प्रमाणिकता को लेकर आ गया है। भारत बायो टेक की को वैक्सीन लगवा चुके लोगों को अमेरिका व यूरोप सहित विभिन्न देशों की यात्रा से रोका गया है। इसकी वजह यही है कि यह वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन की सूची में शामिल नहीं है।
दुनिया के प्रमुख देश डब्ल्यूएचओ की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (ईयूएल) में शामिल वैक्सीन लगवाने वालों को ही वीसा दे रहे हैं। वीसा के लिए टीके का प्रमाण पत्र सऊदी अरब सहित सभी देशों ने अनिवार्य कर रखा है। ऐसे में यह वैक्सीन लगवाने वाले आजमीन को भी चिंता होने लगी है।
सऊदी अरब सरकार ने वैक्सीन की डिटेल मांगी है
सऊदी अरब सरकार की ओर से जारी हेल्थ एडवाइजरी में स्पष्ट रूप से वैक्सीन की डिटेल मांगी गई है। हज यात्रा के लिए जाने वाले प्रत्येक आजमीन को यह बताना होगा कि कोरोना की वैक्सीन की कितनी डोज लगवाई हैं। जो वैक्सीन लगवाई गई है उसका नाम क्या है। इसके साथ ही वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र भी आजमीन को देना होगा। यदि हज होता है तो हज के लिए 18 से 60 साल के आजमीन ही जा पाएंगे। इसमें भी अच्छे स्वास्थ्य वाले आजमीन को प्राथमिकता मिलेगी। पिछले छह महीने में यदि किसी की डायलसिस हुई है या अन्य क्रोनिक डिजीज की वजह से अस्पताल में भर्ती रहा है, तो उसे भी हैल्थ प्रमाण पत्र देना होगा।
आने वाले दिनों में स्पष्ट होगी स्थिति | हज कमेटी के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अभी तक सऊदी अरब सरकार ने आजमीन का कोटा तय नहीं किया है। माना जा रहा है कि अगले एक पखवाड़े में तय होगा। राजस्थान के कितने लोग होंगे। राजस्थान हज कमेटी ने भी प्रदेश भर से आजमीन से वैक्सीनेशन की रिपोर्ट मांगी है। कितने डोज लगवाए हैं, इसका ब्यौरा भी मांगा है। यदि किसी ने एक भी डोज नहीं लगवाई है तो वे स्वत: ही हज यात्रा की दौड़ से बाहर हो जाएगा।
60 फ़ीट गहरे कुंए में गिरा 5.5 फीट का कोबरा:सांप को रेस्क्यू करने के लिए रस्सी से सीढ़ी बांध नीचे उतर गया, उथले पानी के ऊपर कांटे थे, फिर भी निकाल लिया सुरक्षित
बदलते मौसम के बीच सांपों की संख्या आबादी क्षेत्र में बढ़ने लगी है। यह भोजन की तलाश में अपने निर्धारित स्थान से बाहर निकल रहे हैं। शुक्रवार सुबह हाथीखेड़ा के कुएं में कोबरा गिर गया। सूचना मिलने पर पहुंचे एक व्यक्ति ने सीढ़ी को रस्सी से बांधा और नीचे उतर कर सांप को रेस्क्यू किया। बाद में उसे जंगल में छोड़ दिया। कुएं में पानी कम और कांटे ज्यादा होने से थोड़ी परेशानी हुई।
हाथीखेड़ा गांव स्थित नानकीया तालाब के पास रहने वाले शंकर सिंह रावत के खेत में बने कुएं की मुंडेर नहीं होने से उसमें एक कोबरा सांप गिर गया। जिसे बाहर निकालने के लिए शंकर सिंह ने सर्परक्षक विजय यादव को कॉल किया। यादव अपने साथी प्रीतम सहित पहुंचा और देखा कि 60 फ़ीट गहरे कुंए में एक स्पेक्टिकल कोबरा सांप गिरा हुआ था। जिसे रेस्क्यू करने के लिए उसने सीढ़ी को रस्सी से बांधकर उसके सहारे कुएं में उतरा। कुएं में पानी 1 फ़ीट ही था, लेकिन अंदर कांटे अधिक थे। थोड़ी मुश्किल हुई, लेकिन फिर भी वह विषैले सांप को बाहर निकालने में कामयाब हो गया। बाद में उसे जंगल में छोड़ दिया।
मौसम में बदलाव का असर
सांप को रेस्क्यू करने वाले यादव ने बताया कि वर्तमान में बदलते मौसम के कारण सांप ज्यादा बाहर आ रहे हैं। यह भोजन की तलाश में आबादी के पास पहुंच जाते हैं। सांप चाहे विषैला हो या विषहीन, इन्हें मारने के बजाय इनका संरक्षण करना आवश्यक है। पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में सांपों की अहम भूमिका होती है। इसी के साथ सांप के विष से ही विष प्रतिरोधक दवा एन्टी वेनम सीरम बनता है, जो सर्पदंश होने पर रोगी के जीवन को बचाने में सहायक होता है। ऐसे में किसी भी प्रजाति के सांपों को न मारें।
हज यात्रा 2021:देश भर से केवल 5 हजार लोग जाएंगे; राजस्थान के कितने होंगे,यह तय नहीं, हज कमेटी ने आजमीन से हेल्थ वेरिफिकेशन के लिए कहा
हज यात्रा 2021 पर भी विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सऊदी अरब की ताजा गाइड लाइन के मुताबिक भारत से केवल 5 हजार आजमीन ही हज के मुकद्दस सफर पर जा पाएंगे, लेकिन इन पांच हजार लोगों में राजस्थान के कितने होंगे यह तय नहीं हो पाया है। इधर, केंद्रीय हज कमेटी ने आजमीन से हेल्थ वेरिफिकेशन के लिए कहा है।
हर साल भारत से सवा से डेढ़ लाख आजमीन हज के लिए जाते हैं, लेकिन कोरोना के चलते पिछले साल हज नहीं हो पाया था। इस बार लगातार दूसरी बार भी हजयात्रा के रद्द होने के हालात बन रहे हैं। कारण, सउदी अरब सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों के अनुसार इस साल भी हजयात्रा में महज 60 हजार लोगों को शामिल किया जाएगा। इसमें भारत से 5 हजार ही लोगों के लिए हज यात्रा के लिए अनुमति की बात सामने आ रही है। इस ताजा आदेश के बाद अजमेर सहित प्रदेश भर के आजमीन में यह चर्चा शुरू हो गई है कि अब इन 5 हजार में से राजस्थान और फिर राजस्थान में भी अजमेर से कितने लोगों का नंबर आएगा।
कैसे तय किए जाएंगे जाने वाले लोगों को
आजमीन का कहना है कि अब भारत सरकार के समक्ष भी यह मुश्किल खड़ी हो रही है कि इन 5 हजार में से देश भर के सभी राज्यों से कितने-कितने लोगों को लिया जाए। जिन लोगों को हज के लिए भेजा जाए,उनके चयन का आधार क्या हो। एक संभावना यह भी बन रही है कि हज कमेटी आफ इंडिया जितने आवेदन इस साल हज के लिए मिले हैं, उनका राज्य के कोटा के आधार पर कुर्रा निकाल सकती है। लेकिन यह भी अभी फाइनल नहीं है। लोग अभी हज कमेटी की भी नई गाइड लाइन के इंतजार में हैं।
अकेले राजस्थान से ही साढ़े पांच हजार से अधिक आजमीन जाते हैं
कोरोना काल से पहले की हज यात्रा में अकेले राजस्थान से ही साढ़े पांच हजार आजमीन हज के मुकद्दस सफर के लिए जाते रहे हैं। लेकिन पिछले साल एक भी आजमीन नहीं जा पाया था और इस बार पूरे देश से ही केवल 5 हजार आजमीन को कॉल किया जा रहा है।
हेल्थ वेरिफिकेशन कराएं
पूर्व में हज कमेटी की वेबसाइट पर एक मैसेज वायरल किया गया था कि हज यात्रा 2021 का प्रोसेस सऊदी अरब की सरकार की ओर से मिलने वाले आदेशों के बाद शुरू होगा। अब यह मैसेज वेबसाइट से फिलहाल हट गया। इसके स्थान पर अब नया मैसेज यह चल रहा है कि आजमीन अपना हेल्थ वेरिफिकेशन कराएं। हज ट्रेनर ऐजाज अहमद सिद्दीकी ने बताया कि इसमें आजमीन को कोविड-19 की वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बारे में पूछा जा रहा है। जिले में जिन आजमीन ने आवेदन भरे थे, उन्हें पूर्व में ही बता दिया गया था कि वे वैक्सीन की दोनों डोज लगवा लें।
जुलाई में होनी है हज
इस बार हज जुलाई में होनी है और जून से ही हवाई उड़ानों की शुरूआत होनी है, लेकिन अब तक किसी प्रकार का कोई शिड्यूल तय नहीं हो सका है। यहां तक के आजमीन से अब तक हवाई यात्रा की राशि भी जमा नहीं की गई है।
(रिपोर्ट: आरिफ कुरैशी)