31 MAY 2021 EVENING NEWS

                      31 MAY 2021

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अमेरिका के फ्लोरिडा में कॉन्सर्ट के बाहर अंधाधुंध फायरिंग, दो की मौत 20 घायल

अमेरिका में पिछले एक वर्ष में फायरिंग (Firing) की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने इसे अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी का मुद्दा बताया था.

फ्लोरिडा. अमेरिका में फ्लोरिडा (Florida) के मियामी में रविवार को एक कॉन्सर्ट के बाहर मौजूद भीड़ पर की गई अंधाधुंध फायरिंग (Firing) में दो लोगों की मौत हो गई और कम से कम 20 घायल हुए हैं. फायरिंग की यह घटना रविवार तड़के मियामी गार्डन्स के नजदीक हुई. मियामी पुलिस ने बताया कि इस जगह पर एक कॉन्सर्ट चल रहा था और बहुत से लोग जमा थे. फायरिंग करने वाले तीन लोग थे और वे निसान पाथफाइंडर SUV से आए थे. फायरिंग करने के बाद वे उसी गाड़ी में फरार हो गए.

मियामी पुलिस डिपार्टमेंट के डायरेक्टर, अल्फ्रेडो फ्रेडी ने एक ट्वीट में निशाना बनाकर की गई फायरिंग की कायराना घटना की निंदा की है. उन्होंने बताया कि घायलों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. अमेरिका में पिछले एक वर्ष में इस तरह की फायरिंग की घटनाएं बढ़ी हैं. ऐसी घटनाओं के लिए अक्सर स्कूलों, ऑफिस या शॉपिंग सेंटर को निशाना बनाया जाता है.

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पिछले वर्ष अमेरिका में बंदूकों से जुड़ी हिंसा में 43,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इनमें आत्महत्या के मामले भी शामिल थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले महीने कहा था कि बंदूकों से होने वाली हिंसा एक महामारी की तरह है और अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी का मुद्दा है.

चीन में अब तीन बच्चे पैदा कर सकेंगे लोग, इस वजह से जिनपिंग सरकार ने बदले नियम...

चीन (China) ने अपनी दो बच्चों की नीति (Two Children Policy) को खत्म करने का फैसला लिया है. साथ ही घोषणा की है कि अब चीन में युगल को दो की जगह तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति होगी

बीजिंग. जहां दुनियाभर में बढ़ती जनसंख्या (Population) एक परेशानी बनती जा रही है. इसकी वजह से खाद्य सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक और तमाम क्षेत्रों में संघर्ष करना पड़ रहा है और दुनिया जनसंख्या को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रही है, ऐसे में चीन (China) से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल चीन ने अपनी दो बच्चों की नीति को खत्म करने का फैसला लिया है और उन्होंने घोषणा की है कि अब चीन में युगल को दो की जगह तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति होगी.

सरकारी मीडिया झिंहुआ के मुताबिक राष्ट्रपति ज़ी जिनपिंग ने पोलित ब्यूरो मीटिंग में इस बदलाव को फैसला लिया. इस फैसला लेने की वजह दशक में एक बार होने वाली जनगणना है, जिसमें मालूम चला है कि चीन की जनसंख्या में जो बढ़ोतरी हुई है वो पिछले एक दशक में सबसे कम है. इस वजह से देश की राजधानी बीजिंग पर जनसंख्या को बढ़ाने का दबाव बढ़ता जा रहा है जिससे घटती जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सके.

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पिछले साल करीब 1 करोड़ 20 लाख बच्चों ने लिया जन्ममई महीने की शुरुआत में चीन की जनगणना की रिपोर्ट जारी की गई जिसके मुताबिक पिछले साल करीब 1 करोड़ 20 लाख बच्चों ने जन्म लिया. 2016 के आंकड़ों (1 करोड़ 80 लाख) की तुलना में ये उल्लेखनीय गिरावट है. और 1960 से जन्मदर की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. ऐसा समझा जा रहा है कि जनगणना का डेटा सामने आने के बाद चीन ने परिवार नियोजन की नीति में बदलाव किया है.

लोन माफी के लिए चीन के सामने रोया पाकिस्तान, ड्रैगन को नहीं पड़ा कोई असर

चीन (China) ने पाकिस्‍तान को 3 अरब डॉलर कर्ज राहत देने से मना कर दिया है. पाक‍िस्‍तान (Pakistan) ने CPEC के तहत बने ऊर्जा प्रॉजेक्‍ट में निवेश क‍िए गए 3 अरब डॉलर को माफ करने के ल‍िए कहा था.

इस्‍लामाबाद. पाकिस्‍तान (Pakistan) के प्रति खोखली हमदर्दी दिखाने वाले चीन की पोल अब खुलती नजर आ रही है. दरअसल, कंगाली की हालत से गुजर रहे पाकिस्‍तान ने चीन (China) से अपने 3 अरब डॉलर के कर्ज को पुनर्गठित करने का अनुरोध किया था, जिसे चीन ने खारिज कर दिया है. पाकिस्‍तान चाहता था कि चीन सीपीईसी के तहत बने ऊर्जा प्रॉजेक्‍ट के लिए दिए गए लोन को माफ कर दे. एशिया टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान में बनाए ऊर्जा प्‍लांट पर चीन ने करीब 19 अरब डॉलर का निवेश किया है. चीन ने पाकिस्‍तान के ऊर्जा खरीद पर हुए समझौते को पुनर्गठित करने के अनुरोध को खारिज कर दिया और कहा कि कर्ज में किसी भी राहत के लिए चीनी बैंकों को अपने नियम और शर्तों में बदलाव करना होगा. चीनी बैंक पाकिस्‍तान सरकार के साथ पहले हुए समझौते के किसी भी शर्त को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं.

पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सीनेटर और उद्योगपति नौमान वजीर ने कहा कि नैशनल इलेक्ट्रिक पॉवर रेगुलेटरी अथॉरिटी ने जिस समय निजी क्षेत्र को ऊर्जा उत्‍पादन की अनुमति प्रदान की थी, उस समय टैरिफ बहुत ज्‍यादा रखा गया. उन्‍होंने कहा कि इसका खुलाा पाकिस्‍तान के पॉवर सेक्‍टर को लेकर हुए एक जांच में हुआ. कर्ज के बोझ के तले दबे पाकिस्‍तान के ड‍िफाल्‍ट होने का खतरा मंडरा रहा है.

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पाकिस्‍तान पर 30 दिसंबर 2020 तक कुल 294 अरब डॉलर का कर्ज था जो उसकी कुल जीडीपी का 109 प्रतिशत है. आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि कर्ज और जीडीपी का यह अनुपात वर्ष 2023 के अंत तक 220 फीसदी तक हो सकता है. यह वही साल है जब इमरान खान सरकार के पांच साल पूरे हो जाएंगे. इमरान खान ने सत्‍ता संभालने से पहले चुनाव प्रचार में वादा किया था कि वह एक नया पाकिस्‍तान बनाएंगे जो दुनिया से कर्ज के लिए भीख नहीं मांगेगा.

बेटे को डेट करने से पहले पढ़ लो मम्मी के Dating Rules, फिर हिम्मत बचे तो आओ हवेली पर

किसी को भी डेट करने से पहले आपने सोचा भी नहीं होगा कि उसके मम्मी-पापा की कोई रूलबुक (dating rules) होगी लेकिन एक ब्रिटिश लड़की के साथ जो हुआ वो बेहद दिलचस्प है. उसके ब्वॉयफ्रेंड की मम्मी ने बाकायदा नियम-कायदों की एक लिस्ट तैयार की है. आप भी देखिए इस लिस्ट में क्या-क्या है?

दुनिया में तरह-तरह के लोग मौजूद हैं. हर किसी का मिज़ाज अलग होता है. ऐसे में अगर दो अलग-अलग मिज़ाज वाले लोग मिल जाएं तो हालात कुछ ऐसे भी बन सकते हैं जैसे ब्रिटेन में एक लड़की के साथ बने. एम्मा नाम की टिकटॉक यूज़र अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ रिलेशनशिप में हैं. इसी बीच उनके साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसकी उन्हें कल्पना भी नहीं थी.

हर लड़की की तरह एम्मा (Emma) भी अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ शादी के सपने तो देख ही रही होंगी, लेकिन इसी बीच उनके ब्वॉयफ्रेंड की मम्मी को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने बेटे की दोस्त को डराने का अनोखा तरीका अख्तियार किया. हुआ यूं कि मम्मी ने सीधे-सीधे तो कुछ नहीं कहा लेकिन सोशल मीडिया पर एक रूलबुक शेयर कर दी. ये रूलबुक (Set of Rules on Instagram) उनके बेटे को डेट करने वाली लड़की के लिए थी.

मम्मी के बेटे को डेट करना है तो सुनो लड़कियों !

Rules For Dating My Son के शीर्षक से इंस्टाग्राम ( Instagram)  पर डाले गए इस पोस्ट में कुल 10 ऐसे नियम-कायदे बताए गए हैं, जो किसी भी लड़की को सदमे में डाल देने के लिए काफी है. एम्मा के ब्वॉयफ्रेंड की मां की हिदायतें आप भी जान लीजिए क्योंकि ये काफी दिलचस्प हैं -

  1. मेरा बेटा आपका एटीएम नहीं है.
  2.  अगर आप मेरे घर में 'स्ट्रिपर' की तरह दिखेंगे, तो मैं आपको बाहर कर दूंगी.

  1. अगर मुझे आप पसंद नहीं है, तो समझ लीजिए आप बाहर जाएंगी.
  2. अच्छी तरह जान लीजिए, मैं आपको बाहर निकाल सकती हूं.
  3. वो मम्माज़ ब्वॉय है, अगर आप ऐसा सोचती हैं तो ये तब तक मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता, जब तक आपकी शादी नहीं हो जाती.
  4. आप मेरे बेटे की इनचार्ज नहीं है और आप उसे बदल नहीं सकती हैं. वो जैसा है वैसे ही पसंद करें या फिर नियम नंबर 5 (अच्छी तरह जान लीजिए, मैं आपको बाहर निकाल सकती हूं. ) पढ़ लीजिए.
  5. मैंने उसे जेंटलमैन बनाया है, आप भी उसी तरह व्यवहार करें.
  6. मुझे पता है कि जेल कैसे नहीं जाना है.
  7. अगर आप इतने नियम पास करके आती हैं तो ये जान लीजिए मैं इससे भी ज्यादा बुरी हूं. मैं आपकी सास बनूंगी.

रूलबुक को गर्लफ्रेंड में टिकटॉक पर किया शेयर

एम्मा ने जब ये रूलबुक पढ़ी तो वो सदमे में आ गई. इसके बाद उसने टिकटॉक (TikTok) पर इसे शयेर भी किया और लोगों को बताया कि उसके ब्वॉयफ्रेंड की मां ने ये रूलबुक बनाई है. इसे पढ़ने के बाद कुछ लोग तो उसे सांत्वना देने में जुटे हैं तो कुछ का कहना है कि ये बहुत डरावना है और उसे तुरंत अपने ब्वॉयफ्रेंड को छोड़ देना चाहिए.

जिसे मान लिया था मरा हुआ, वो 100 साल बाद लौट आया ! अब दुनिया हैरान

वैज्ञानिकों ने जिसका इस धरती से अस्तित्व ही 100 साल पहले खत्म घोषित कर दिया था, वो अब भी ज़िंदा है. अब दुनिया इस बात को देखकर हैरान है कि आखिर ये इतने दिन कहां रहा और इसका परिवार कहां है?

सोचिए, जिसे दुनिया मरा हुआ समझकर इतिहास बना चुकी हो, वो लौटकर आ जाए तो कैसा होगा? सब हैरान रह जाएंगे न ? तो ऐसी ही हैरानी वैज्ञानिकों को तब हुई, जब कछुए की उस प्रजाति का एक सदस्य उन्हें दिखाई दे गया, जिसे वे 100 साल पहले समाप्त मान चुके थे.

कछुओं की इस प्रजाति का नाम है शिलोनोयडिस फैंटास्टिकस (Chelonoidis phantasticus).इस प्रजाति की जो आखिरी सदस्य दिखाई दी है, वो मादा कछुआ है. ये पिछले 100 साल से (Extinct 100 Years ago) दिखाई नहीं दी लेकिन हाल ही में इक्वाडोर के गैलापैगोस आइलैंड (Galapagos Island) पर इसे वापस देखा गया है.

पूरी तरह स्वस्थ है मादा कछुआ

ये विशालकाय मादा कछुआ फर्नांडिना आइलैंड पर देखी गई थी. तब इसका हेल्थ चेक अप किया गया और खाने-पीने की व्यवस्था की गई. अब वैज्ञानिकों ने जब इसकी प्रजाति पता की तो वे चक्कर खा गए क्योंकि जिस प्रजाति को धरती से 100 साल पहले ही खत्म घोषित किया जा चुका था, ये मादा कछुआ उसी प्रजाति की है. इसकी उम्र 100 से भी ज्यादा है और ये पूरी तरह स्वस्थ है.


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अब वैज्ञानिक ढूंढेंगे इसका परिवार

मादा कछुआ को सांतक्रूज आइलैंड के ब्रीडिंग सेंटर में रखी गई है और अब वैज्ञानिक इसके जैसे और कछुओं की खोज करेंगे. उन्हें लगता है कि जिस आइलैंड पर ये मिली, वहां इस प्रजाति के और भी कछुए हो सकते हैं. इस कछुए के डीएनए टेस्ट का काम येल यूनिवर्सिटी (Yale University) के वैज्ञानिकों ने किया. उन्होंने 1906 में विलुप्त हुई प्रजाति के कछुओं के DNA से इसा मिलान किया तो पता चला ये उसी प्रजाति की है. शिलोनोयडिस फैंटास्टिकस (Chelonoidis phantasticus)कछुए को आखिरी बात 1906 में देखा गया था.

बेहद खास है गैलापैगोस आइलैंड

जहां से ये मादा कछुआ मिली है, वो गैलापैगोस आइलैंड भी बेहद खास है. ये वही जगह है जहां महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन (British scientist Charles Darwin) ने इवोल्यूशन की ध्योरी रखी थी. यहां आज भी तमाम प्रजातियों के जीव-जंतु और पेड़-पौधे मौजूद हैं. यहां अकेले कछुओं की ही संख्या 60 हजार के करीब है. ये बात अलग है कि अब ये धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं.

इज़रायल में सत्ता की लंबी रेस के घोड़े बेंजामिन नेतन्याहू की दौड़ खत्म, एक नज़र उनके सफ़र पर

Benjamin Netanyahu Journey: दक्षिणपंथी लिकुद पार्टी के प्रमुख बेंजामिन नेतन्याहू मार्च 2009 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, इसके पहले वो 1996 और 1999 के बीच थोड़े वक्त के लिए सत्ता में आए थे.

नई दिल्ली. इज़रायल के राष्ट्रवादी कट्टरपंथी नेता नफ्ताली बेनेट ने घोषणा की है कि वह एक शक्तिशाली गठबंधन सरकार में शामिल होंगे. इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में लंबे वक्त से चल रही सरकार का अंत हो सकता है. आईए इज़रायल में लंबे वक्त से सत्तासीन रहे नेतन्याहू के सफर पर नज़र डालते हैं. खासकर तब से जब वह 2009 के बाद दोबारा सत्ता में आए.

सत्ता में वापसी

दक्षिणपंथी लिकुद पार्टी के प्रमुख मार्च बेंजामिन नेतन्याहू 2009 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, इसके पहले वो 1996 और 1999 के बीच थोड़े वक्त के लिए सत्ता में आए थे. इसके बाद इन्होंने विदेश मंत्री रहे अति राष्ट्रवादी एविगडर लिबरमेन के साथ हाथ मिलाया. जनवरी 2013 में हुए आकस्मिक चुनाव के बाद नेतन्याहू ने कट्टरपंथियों के साथ गठबंधन किया, ये वो लोग थे जो 1967 में छह दिन चले युद्ध के दौरान फिलिस्तीन में ज़ब्त की गई ज़मीन पर कब्जा जमाना चाहते थे.

ग़ज़ा युद्धजुलाई 2014 में, इज़रायल ने हमास पर ग़ज़ा पट्टी में एक मिलेट्री ऑपरेशन लॉन्च किया और जो टनल तस्करी के लिए इस्तेमाल की जा रही थी, उन पर सीधे रॉकेट से निशाना साध कर उड़ाया जा रहा था. इस युद्ध में फिलिस्तीन के करीब 2,251 लोग मारे गए थे, इसमें से ज्यादातर नागरिक थे और वहीं इज़रायल की तरफ से 74 लोग मारे गए थे जिसमें ज्यादातर सैनिक थे.

दक्षिण-पंथी सरकार

मई 2015 में, नेतन्याहू ने चौथी बार संसद में विश्वास मत हासिल किया. एक साल बाद ही उन्होंने यिसरेल बेतन्यू पार्टी के साथ गठबंधन किया और उनके प्रमुख लिबरमैन को रक्षा मंत्री का पद दिया. ये इज़रायल के इतिहास में सबसे कट्टर दक्षिण पंथी सरकार थी. जून 2017 में, अंतर्राष्ट्रीय विचारधारा के खिलाफ जाते हुए, 1991 में फिलिस्तीन के इलाके में कब्जाई ज़मीन पर सरकार की स्वीकृत की गई पहली इमारत का काम शुरू किया.

जलता हुआ ग़ज़ा

मार्च 2018 में ग़ज़ा में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए जिसके तहत फिलिस्तीनियों ने इज़रायल स्थित अपने घर लौटने की मांग उठाई जहां से 1948 में यहूदी राष्ट्र बनने के बाद उन्हें निकाल बाहर कर दिया गया था. 2018 से दिसंबर 2019 तक 352 फिलिस्तिनी और इज़रायली आगजनी में मारे गए. आठ इज़रायली भी मारे गए.

राजनीतिक संकट

अप्रैल 2019 में लिकुद ने आम चुनाव में 120 में से 35 सीट जीती, इतनी ही सीटें नेतन्याहू के मध्यमार्गी विरोधी बैनी गांट्ज़ के हिस्से भी आई. नेतन्याहू बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे. सितंबर 17 को नए चुनाव के बाद भी नेतन्याहू के लिकुद और गांट्ज़ के ब्लू और व्हाइट गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर रही. गठबंधन कोई नहीं बना पाया और तीसरे चुनाव की नौबत आ गई. इस बीच नेतन्याहू को समर्थन देने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2020 को मध्य पूर्व शांति योजना का अनावरण किया जो यहूदी राष्ट्र के पक्ष में है. चार अरब देश – यूएई, बहरिन, सुडान और मोरक्को ने इज़रायल के साथ अपने रिश्ते सामान्य किए. ट्रंप ने अमेरिकी दूतावास को यरुशलम स्थानांतरित करके इस शहर को इज़रायल की राजधानी की मान्यता दी जो एक तरह से नेतन्याहू को तोहफा था, इसके अलावा सिरियाई गोलन हाइट्स पर इज़रायल के कब्ज़े को भी मान्यता दी.

तीसरी बार गतिरोध

2 मार्च, 2020 को इज़रायल ने एक साल में तीसरी बार मतदान किया, लेकिन नेतन्याहू और गांट्ज़ के बीच फिर गतिरोध पैदा हुआ. महीना खत्म होने तक इज़रायल की अदालत ने नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के केस की सुनवाई को टाल दिया और कोविड-19 के मामले बढ़ते गए, इस बीच गांट्ज़ ने अंतरिम आपातकाल सरकार के लिए एक करार किया. अप्रैल 20 को नेतन्याहू और गांट्ज़ ने तीन साल की एकजुट सरकार बनाई. समझौता हुआ कि नेतन्याहू 18 महीने के लिए प्रधानमंत्री रहेंगे, वहीं गांट्ज़ रक्षा मंत्री रहेंगे. फिर नए चुनाव से पहले 18 महीनों के लिए गांट्ज़ कुर्सी संभालेंगे, लेकिन यह डील ज्यादा नहीं चली.

दो साल में चौथा चुनाव

दो साल में चौथी बार हुए नए चुनाव में लिकुद ने बाज़ी मारी, लेकिन नेतन्याहू की बात नहीं बनी. इज़रायल के राष्ट्रपति ने नेतन्याहू से सरकार बनाने के लिए कहा, लेकिन वह फिर डगमगा गए. मई 5 को विपक्षी नेता लापिड पर सरकार बनाने का जिम्मा आया. नेतन्याहू को झटका देते हुए कट्टर राष्ट्रवादी नेता नफतीली बेनेट ने कहा कि वह मजबूत सरकार बनाने के लिए दोस्त लापिड का साथ देंगे. नेतन्याहू ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा होगा.

Video: इंडोनेशियाई नौका में लगी आग, तो समुद्र में ऐसे कूदकर बचाई लोगों ने जान

पूर्वी इंडोनेशिया में नौका में लगी आग (Fire) के बाद जहां सैंकड़ों लोगों को बचा लिया गया है. वहीं अभी भी एक लापता शख्स (Missing Person) की तलाश जारी है.

जकार्ता. पूर्वी इंडोनेशिया में शनिवार तड़के एक नौका (Ferry) में आग लग गई थी. नौका में चालक दल के सदस्यों समेत 200 लोग सवार थे और सभी आग लगने पर जान बचाने के लिए समुद्र में कूद गए. रविवार को अधिकारियों ने बताया कि पानी में कूदे सैकड़ों लोगों को बचाए जाने के बाद अब भी लापता (Missing) हुए एक शख्स की तलाश जारी है.

समुद्री परिवहन महानिदेशालय के प्रवक्ता विष्णु वरदाना ने बताया कि के एम कार्य इंदाह नामक नौका लीमाफटोला द्वीप पर स्थित सनाना बंदरगाह की ओर जा रही थी. नौका ने अपनी यात्रा शुरू की, उसके करीब 15 मिनट बाद ही उसमें आग लग गयी. वरदाना ने बताया कि 22 बच्चों समेत सभी 181 यात्रियों व चालक दल के 14 सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया. हादसे का शिकार हुए लोगों ने बताया कि आग नौका के इंजन में लगी थी.

ये भी पढ़ें: श्रीलंका: जहाज में आग लगने के बाद अब आसमान से तेजाब बरसने का डर: अधिकारीउन्होंने बताया कि आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है. गौरतलब है कि इंडोनेशिया में नौका दुर्घटना काफी आम बात है. इंडोनेशिया 17,000 से अधिक द्वीपों वाला दुनिया का सबसे बड़ा द्वीपसमूह राष्ट्र है.


मेहुल चोकसी को लेकर एंटीगा मीडिया का दावा-गर्लफ्रेंड से मिलते वक्त हुआ अपहरण

कहा जा रहा है कि 23 मई को वो महिला मित्र के साथ डिनर के लिए जा रहे थे. लेकिन रेस्टोरेंट पहुंचने से पहले ही उनका अपहरण हो गया. दावा किया जा रहा है कि चोकसी करीब एक साल से बारबरा नाम की महिला के संपर्क में थे.

नई दिल्ली.  पंजाब नेशनल बैंक यानी पीएनबी स्कैम (PNB Scam) मामले में पिछले दो साल से फरार चल रहे आरोपी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. एंटीगा की मीडिया ने दावा किया है कि चोकसी अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए बाहर गए थे और इसी दौरान उनका अपहरण हो गया. बता दें कि चोकसी इस वक्त कैरेबियाई देश डोमिनिका रिपब्लिक में है. वो डोमिनिका से सीधे भारत आएगा या नहीं इसको लेकर 2 जून को फैसला आ सकता है. मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर इसी दिन हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.

एंटीगा मीडिया ने मेहुल चोकसी के वकीलों के हवाले से दावा किया है कि वो अपनी महिला मित्र से मिलने गए थे और तभी उनका अपहरण हो गया. कहा जा रहा है कि 23 मई को वो महिला मित्र के साथ डिनर के लिए जा रहे थे. लेकिन रेस्टोरेंट पहुंचने से पहले ही उनका अपहरण हो गया. दावा किया जा रहा है कि चोकसी करीब एक साल से बारबरा नाम की महिला के संपर्क में थे. इससे पहले एंटीगा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्रॉने ने भी चोकसी के एक महिला से रिश्ते का ज़िक्र किया था. उन्होंने कहा था कि वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ अच्छा वक्त बिताने डोमिनिका गए थे.

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इससे पहले एंटीगा की पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया था कि चोकसी का अपहरण किया गया और उन्हें ज़ोर जबरदस्ती डोमिनिका ले जाया गया. एंटीगा के पुलिस कमिश्नर एटली रॉडनी का कहना था कि मेहुल चोकसी बोट से डोमिनिका गए और उन्हें वहां ले जाने में एंटीगा पुलिस की कोई भूमिका नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि चोकसी को जॉली हार्बर से जबरदस्ती ले जाया गया.


इस बीच केंद्र सरकार के बड़े अधिकारियों ने सीएनएन-न्यूज18 को पुष्टि की है कि भगोड़े मेहुल चौकसी को वापस लाने के लिए एक विमान डोमिनिका भेजा गया है. एक निजी विमान को जानबूझकर किसी तीसरे देश से किराए पर लिया गया था. बता दें कि इस जेट में चोकसी से जुड़े सारे दस्तावेज भी हैं. इन दस्तावेज़ों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा

ह्यूस्टन: धोखाधड़ी के जुर्म में भारतीय-अमेरिकी नर्स को 20 साल की जेल

अमेरिका (America) में एक भारतीय-अमेरिकी नर्स को स्वास्थ्य देखभाल धोखाधड़ी के एक मामले में भूमिका के लिए 20 साल की जेल (Prison) की सजा सुनाई गई.

ह्यूस्टन. एक भारतीय-अमेरिकी नर्स को अमेरिका (America) में स्वास्थ्य देखभाल धोखाधड़ी के एक मामले में भूमिका के लिए 20 साल की जेल (Prison) की सजा सुनाई गई और 5.2 करोड़ डॉलर से अधिक का हर्जाना भरने का आदेश दिया. टेक्सास की नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट के कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी प्रेरक शाह ने बताया कि त्रिविकराम रेड्डी (39) ने अक्टूबर 2020 में धोखाधड़ी करने की साजिश रचने का गुनाह कबूल कर लिया.

उस पर मेडीकेयर तथा निजी बीमा प्रदाताओं को धोखा देने के लिए एक साजिश में शामिल होने का आरोप है और उसे 25 मई को सजा सुनाई गई. अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, नर्स के तौर पर काम कर रहे रेड्डी ने कई बीमा कंपनियों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए एक साजिश रची.

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अभियोजकों ने बताया कि रेड्डी ने छह डॉक्टरों के नंबरों का इस्तेमाल कर मरीजों के फर्जी बिल बनाए और यह दावा किया कि उक्त डॉक्टर इन मरीजों का इलाज कर रहे हैं जबकि उन्होंने कभी उनका इलाज नहीं किया.

जंगल में पर्यटकों को देखकर जिराफ को आ गया गुस्सा, Video देखें फिर क्या हुआ

सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे जंगल सफारी के लिए गए पर्यटकों को देखकर एक जिराफ (Giraffe) को भयंकर गुस्सा आ गया. उसके बाद उसने पर्यटकों (Tourists) की जीप का पीछा किया. आगे क्या हुआ ये जानने के लिए आप इस वीडियो को देखिए.

सोशल वायरल. आपने कई बार हाथी के गुस्से वाले वीडियो तो देखे होंगे, लेकिन किसी दूसरे जानवर के गुस्से वाले वीडियो शायद ही आपने कभी देखें हों. सोशल मीडिया में आज हमें एक ऐसा वीडियो मिला जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे. इस वीडियो में आप एक जिराफ को गुस्से में देख सकते हैं. इस वीडियो को ब्रिटिश अखबार द सन ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है. ये वीडियो केन्या का बताया बताया जा रहा है. जहां जंगल सफारी के लिए गए पर्यटकों को देखकर एक जिराफ (Giraffe) को भयंकर गुस्सा आ गया. उसके बाद उसने पर्यटकों (Tourists) की जीप का पीछा किया. आगे क्या हुआ ये जानने के लिए आप इस वीडियो को देखिए.

30 मई को शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक दो लाख 13 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है. बता दें कि जंगली जानवरों को तब गुस्सा आ जाता है जब उन्हें जंगल में कोई इंसान दिखाई देता है और उससे उन्हें अपनी सुरक्षा खतरे में पड़ते हुए दिखती है उसके बाद वह इंसानों पर हमला कर देता है. इस वीडियो में भी कुछ ऐसा ही हुआ जब कुछ लोग जंगल सफाई के लिए एक जीप से पहुंचे थे. तभी एक जिराफ ने उन्हें देख लिया और वह गुस्सा हो गया.

वीडियो में देखा जा सकता है कि जब जिराफ को गुस्सा आया तो वह पर्यटकों की जीप के पीछे भागने लगा. जिराफ को देखकर पर्यटक डर गए और उन्होंने अपनी जीप को तेजी से दौड़ाना शुरु कर दिया, लेकिन जिराफ इतना गुस्से में था कि वह इतनी तेज दौड़ा कि कुछ ही सेकंड में जीप से आगे निकल गया. जिराफ को जीप के पीछे भागता देख पर्यटक जोर-जोर से हंसने लगे. बता दें कि जिराफ शाकाहारी जानवर होते हैं और वह गुस्से में भी इंसानों को शेर, तेंदुआ या हाथी की तरह ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकते.

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इसलिए पर्यटकों को इस बात की जरा सी भी फिक्र नहीं थी कि गुस्साया जिराफ उनकी जान ले सकता है. हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जिराफ भी इंसानों को अपनी टांगों या गर्दन से भी घायल तो कर ही सकता है. जैसे ही जिराफ जीप से आगे निकला वह जीप के सामने खड़ा हो गया. जिससे पर्यटक फिर से घबरा गए और रिवर्स गियर में ही जीप को दौड़ाने लगे.

Corona Side Effects: रिसर्च में दावा-कोरोना से ठीक हो चुके 14% मरीजों को हो रही है नई बीमारी

कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में बढ़ रही और कई तरह की दिक्‍कत. (प्रतिकात्मक तस्वीर)

कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में बढ़ रही और कई तरह की दिक्‍कत. (प्रतिकात्मक तस्वीर)

Corona Side Effects: ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (British Medical Journal) में प्रकाशित एक शोध में दावा किया गया है कि कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण जाते-जाते भी कई स्वास्थ्य समस्याएं पीछे छोड़ जाता है. कोरोना संक्रमित 14 फीसदी मरीजों को फिर से अस्‍पताल का रुख करना पड़ता है.


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    लंदन. चीन से पिछले साल दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से भले ही कोई मरीज ठीक हो गया हो लेकिन उसमें कई तरह की नई बीमारियों (Disease) को खतरा बना रहता है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (British Medical Journal) में प्रकाशित एक शोध में दावा किया गया है कि कोविड-19 संक्रमण जाते-जाते भी कई स्वास्थ्य समस्याएं पीछे छोड़ जाता है. शोध के मुताबिक कोरोना से संक्रमित 14 फीसदी मरीजों के शरीर को कोरोना इस कदर प्रभावित करता है कि उन्‍हें फिर से अस्‍पताल का रुख करना पड़ता है.

    लंदन स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च के शोधकर्ताओं ने पिछले साल 1 जनवरी से 31 अक्तूबर के बीच कोरोना से संक्रमित होने वाले 1,93,113 मरीजों की सेहत का अध्‍ययन किया. इस शोध में 18 से 65 साल के उम्र वाले मरीजों को रखा गया था. इस शोध में इन मरीजों के कोरोना संक्रमित होने के 21 दिन तक उनके शरीर में हो रहे बदलाव पर नजर रखी. शोधकर्ताओं ने नेशनल क्लेम्स डाटा का विश्लेषण कर इस बात का पता लगाया कि वायरस को मात देने के छह महीने के भीतर इन मरीजों ने किन नई बीमारियों का सामना किया है.


    इसे भी पढ़ें :- बढ़ा खतरा: जिनको कभी नहीं हुआ कोरोना, उन पर भी हो रहा ब्‍लैक फंगस का हमलाशोध से मिले आंकड़ों की तुलना ऐसे मरीजों से की कई जो कोरोना से कभी संक्रमित नहीं हुए. शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना की चपेट में आने वाले 14 फीसदी मरीजों में कम से कम एक नई स्वास्थ्य समस्या देखी गई. इन स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के कारण कोरोना मरीजों को अस्‍पताल का रुख भी करना पड़ा. स्वस्थ लोगों के मुकाबले कोविड-19 पर जीत हासिल करने वाले रोगियों के किसी नई बीमारी के कारण अस्पतालों में भर्ती होने की दर भी पांच फीसदी ज्यादा पाई गई है.

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    युवाओं में इसका खतरा सबसे ज्यादा

    मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर इलेन मैक्सवेल ने बताया कि युवाओं में कोरोना से ठीक होने के बाद भी नई बीमारी का खतरा ज्‍यादा देखा गया है. उन्‍होंने कहा कि बुजुर्गों और बीमार मरीजों की तुलना में नई बीमारी से युवा ज्‍यादा प्रभावित दिख रहे हैं. इनमें वो मरीज भी शामिल हैं, जिन्‍हें पहले कभी भी सेहत संबंधी कोई परेशानी नहीं हुई थी.

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    इंसान से जुड़ा हुआ आखिरी सांसारिक रिवाज़ है उसका अंतिम संस्कार. हर देश, धर्म और जाति में इंसान का अंतिम संस्कार उसकी परंपरा और रिवाज़ के मुताबिक होता है. हिंदू धर्म में शव को जलाने की परंपरा है तो मुस्लिम और इसाई धर्म में शव को दफनाया जाता है. दुनिया में भांति-भांति के लोग हैं और अनोखी हैं उनकी परंपराएं. ऐसे में अगर हम आपसे कहें कि इसी दुनिया में कुछ जगहों पर अपने प्रियजनों के शव को उनकी कब्र से बार-बार खोदकर निकाला जाता है या उनके टुकड़े-टुकड़े कर गिद्धों को भोजन करा दिया है, तो शायद आप हमारी बात का यकीन न कर पाएं लेकिन ये सच है. चलिए कुछ ऐसी ही अनोखे अंतिम संस्कार के रिवाज़ों से आपको रूबरू कराते हैं - 

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